रायपुर। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने बीजेपी विधायक दल की बैठक का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार केन्द्र की राशि से नहीं बल्कि स्वयं के संसाधनों से चल रही है. रमन सिंह मोदी के नाम पर छत्तीसगढ़ में अपना फ्लैगशिप चला रहे हैं, न कि भूपेश सरकार. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ढाई साल से लगातार भूपेश सरकार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. जब हम खुद के राज्य के हिस्से का पैसा मांगते हैं, तो केन्द्र सलाह देती है कि आप 5 प्रतिशत ब्याज में कर्ज ले लें.
विकास उपाध्याय ने रमन पर साधा निशाना
विकास उपाध्याय भाजपा विधायक दल की बैठक में लिए गए निर्णय को लेकर विभिन्न टीवी चैनल के डिबेट में हिस्सा ले रहे थे. इस दौरान वे भाजपा के पक्षकारों को जवाब दिया. उन्होंने कहा कि क्या आपने पिछले ढाई वर्षों में एक बार भी छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर कोई बात कही. क्या भाजपा के नेता केन्द्र सरकार को एक पत्र भी भेजा कि छत्तीसगढ़ के हिस्से का पैसा तो दे दें. क्या आपने छत्तीसगढ़ के लोगों के हित के लिए चलाई जा रही योजनाओं की एक बार भी तारीफ की.
‘केन्द्रीय नेता रायपुर दौड़ लगाने को मजबूर’
किसानों का कर्जा माफ से लेकर बिजली बिल हाफ और पहली बार ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर काम कर रही भूपेश सरकार की तारीफ की. भाजपा पक्षकारों के पास इसका कोई जवाब नहीं था. विकास उपाध्याय ने भाजपा की भविष्य में चलाई जाने वाली सकारात्मक सोच की भी धज्जियां उड़ाते हुए कहा, यह भूपेश सरकार के ढाई साल में किए गए कार्यों का नतीजा है, जो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस कदर डरा हुआ है कि अभी से केन्द्रीय नेता रायपुर दौड़ लगाने पर मजबूर हैं.
विकास उपाध्याय ने सवाल किया कि भाजपा के नेता आखिर किस बात को लेकर जनता के बीच जाएंगे, समझ से परे है. उन्होंने कहा कि रमन सिंह, प्रधानमंत्री आवास योजना की बात कर झूठ बोलते हैं, जबकि कांग्रेस की सरकार हितग्राहियों के लिए मकान बनाने कार्य योजना तय कर ली है.
वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1,20,000 आवास बनाने का निर्णय लिया जा चुका है. वैसे भी छत्तीसगढ़ को विशेष राज्य का दर्जा तो मिला नहीं है, इसलिए केन्द्र सरकार की हर योजना में प्रदेश का हिस्सेदारी तय होता है. जैसे कि आवास योजना में 40 प्रतिशत छत्तीसगढ़ सरकार खर्च वहन करती है.
केन्द्र सरकार जिस दिन छत्तीसगढ़ सरकार को जीएसटी और कोयले के राॅयल्टी का पैसा शत् प्रतिशत वापस कर देगी, निश्चित रूप से सारी योजनाएं आगामी वर्षों में पूर्ण हो जाएगी. विकास उपाध्याय ने कहा कि केन्द्र 60 लाख टन चावल लेने की बात कही थी. ली सिर्फ 24 लाख टन इसकी वजह से आज कई जगहों में सरकार द्वारा खरीदे गए धान खराब हो रहे हैं. इसके लिए पूरी तरह से केन्द्र की मोदी सरकार जिम्मेदार है.