छत्तीसगढ़

गांवों में वैक्सीन का डर, भ्रम दूर करने के लिए करनी पड़ रही मशक्कत

रायपुर : कोरोना टीकाकरण के साथ ही इसके जागरूकता के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। बावजूद कई ग्रामीण इलाकों में इसे लेकर भ्रम लगातार सामने आ रहा है। ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों समेत स्वास्थ्य कर्मियों को ऐसे क्षेत्रों में टीकाकरण के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदव ने राज्य के लोगों से बिना किसी डर के कोरोना टीका लगाने की अपील की है।

बता दें कि अधिक से अधिक टीकाकरण और भ्रम दूर करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने घर-घर सर्वे का काम शुरू कराया है। इसमें मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा ग्रामीण व शहरी इलाकों में घर-घर जाकर सर्वे कर रहे हैं। इसमें टीकाकरण को लेकर जागरूक करने के साथ ही जिन्होंने अब तक टीका नहीं लगवाया है। उन्हें चिह्नित करने का काम चल रहा है। अभपुर की ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर शांति देवी ने बताया कि सर्वे के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे लोग सामने आ रहे हैं, जिन्होंने डर की वजह से टीका नहीं लगवाया है।

उन्हें लगता है टीका लगवाने से उनकी तबीयत बिगड़ सकती है। या किसी तरह से संक्रमण की समस्या न आ जाए। चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि सर्वे के दौरान हर ब्लाक में स्थित ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी समस्याएं सामने आ रही है। जबकि लोगों का ऐसा सोचना पूरी तरह गलत है। टीका पूरी तरह सुरक्षित है।

70 फीसद जनसंख्या ग्रामीण

स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक राज्य की करीब 70 फीसद जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों से है। प्रदेश में 25 फीसद आबादी को टीका लग चुका है। इसमें से करीब 35 फीसद आबादी ग्रामीण इलाकों के हैंं, जिन्होंने टीका लगवाया है। राज्य सरकार द्वारा टीकाकरण को लेकर भले ही लगातार प्रयास जारी है, लेकिन भ्रम, केंद्रों और व्यवस्था की दिक्कत की वजह से ग्रामीण इलाकों के लोगों का टीकाकरण चुनौती बना हुआ है।

राज्य में टीकाकरण की स्थिति

4000 से अधिक टीकाकरण केंद्र संचालित हैं राज्य में

90.54 लाख से अधिक टीकाकरण राज्य में

22.56 लाख से अधिक को पहला डोज, 18 से 44 आयु के

63,934 को दूसरी डोज, यह 18 से 44 आयु के

47.2 लाख से अधिक को पहला डोज, 45 वर्ष पार

9.58 लाख से अधिक को दूसरी डोज, 45 वर्ष पार

8.32 लाख से अधिक टीका जिलों में उपलब्ध

ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण में तेजी लाने प्रयास

  • गली-मोहल्लों में जाकर हाका मारकर जागरूकता लाना।
  • रेडियो, टीवी, बेनर-पोस्टर व समाचार पत्रों के माध्यम से जागरूकता
  • सर्वे के दौरान काउंसलिंग कर टीकाकरण के भ्रम को दूर करना।

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