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कैंसर रोगी बच्चों को इलाज के साथ परिवार को निश्शुल्क राशन 400 परिवार को मदद

रायपुर। डा. भीमराव आंबेडकर अस्पताल की कैंसर यूनिट अब बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। जहां कैंसर रोगी बच्चों को निश्शुल्क इलाज के साथ ही उनके स्वस्थ होते तक पूरे परिवार के राशन दिया जाता है। इस सराहनीय कदम से ना सिर्फ कैंसर पीड़ित बच्चों की जिंदगी संवर रही। बल्कि गरीब परिवार को भी मदद मिल रही है।

3 लाख कैंसर मरीज हर साल पहुंचते हैं इलाज के लिए

100 बिस्तरों की सुविधा है विभाग में कैंसर रोगियों के लिए

22 बिस्तरों की स्पेशल यूनिट कैंसर रोगी बच्चों की

500 मरीजों हर दिन आते हैं यहां की ओपीडी मेें

15 कैंसर रोगी बच्चों की हर दिन ओपीडी में जांच

कैंसर रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डा. प्रदीप चंद्राकर ने बताया कि अस्पताल में आने वाले ज्यादातर कैंसर रोगी बच्चे गरीब तबके के होते हैं। इनका परिवार जैसे-तैसे इलाज तो करा लेते हैं। लेकिन स्थिति अच्छी नहीं होने के चलते बच्चों को बेहतर आहार नहीं मिल पाता। ऐसे पीड़ित बच्चों के परिवार को चिन्ह्ति कर उन्हें हर महीने निश्शुल्क राशन दिया जाता है।

इसमें अनाज, पांच तरह के दाल, ड्रायफूड, तेल, घी, चना, सोयाबीन, साबून आदि शामिल हैं। यह राशन बच्चों को इलाज के लिए लेकर आए उनके स्वजनों को दिया जाता है। अस्पताल की इस मुहिम में सामाजिक संगठनों का सहयोग होता है। कैंसर रोगियों के लिए इलाज की सुविधाओं को देखते हुए राज्य के अलावा उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, बिहार, ओडिशा जैसे अन्य प्रदेशों से भी हजारों मरीज पहुंचते हैं।

दिन के अनुसार स्पेशल डाइट

कैंसर विभाग में पदस्थ डायटिशियन सुषमा यादव ने बताया कि कैंसर पीड़ित बच्चों को इलाज के साथ बेहतर आहार की भी आवश्यकता होती है। इसके लिए वार्ड में हर दिन के आधार पर खाने की विशेष सुविधाएं है। जांच के लिए आने वाले बच्चों को भी दूध, लस्सी, जूस, मिल्कसेक समेत अन्य खाने की सुविधाएं भी निश्शुल्क दी जा रही है। घर जैसा माहौल देने के लिए बच्चों के खिलौने व अन्य सुविधाएं दी जा रही है।

बच्चों के मानसिक विकास पर जोर

काउंसर प्रियंका नामदेव ने बताया कि कैंसर पीड़ित बधाों और उनके परिवार का डर दूर करने, बधाों का मानसिक विकास प्रभावित ना हो इसके लिए हर दिन काउंसलिंग की जाती है। ताकि बीमारी से डर, मानसिक तनाव व समस्याओं को दूर किया जा सके। भर्ती बधाों के साथ ही उन्हें लेकर आने वाले उनके स्वजनों की भी काउंसलिंग होती है। घर जा चुके बधाों की भी मानिटरिंग भी होती है।

इस संबंध में कैंसर रोग विशेषज्ञ, आंबेडकर अस्पताल के डा. प्रदीप चंद्राकर ने कहा कि इलाज के लिए आने वाले कैंसर पीड़ित बच्चों को निश्शुल्क इलाज की सुविधा तो मिल जाती थी। लेकिन अधिकांश लोग गरीब तबके के होने की वजह से बच्चों को बेहतर आहार नहीं दे पाते थे। जब तक खानपान सही ना हो दवा भी असर नहीं करती। बड़ी समस्या को देखते हुए विभिन्न् सामाजिक संगठनों के सहयोग निश्शुल्क राशन देेने की पहल शुरू की गई। अब तक 400 परिवारों को इसका लाभ मिल चुका है। वहीं हर महीने 30 कैंसर पीड़ित बच्चों के परिवार को निश्शुल्क राशन उपलब्ध कराया जाता है। इस पहल में सहयोग के लिए कोई संगठन या व्यक्ति आगे आ सकते हैं।

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