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ओपी जिन्दल यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त करने वाले युवा राष्ट्र निर्माण में योगदान दें जिस पर देश और विश्वविद्यालय को गर्व होः नवीन जिन्दल

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राज्यपाल श्रीमती अनुसुईया उइके ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों को रोजगारपरक शिक्षा देने का पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा पद्धति ऐसी होनी चाहिए जो जीवन में प्रासंगिक हो। 2030 तक भारत में दुनिया के सर्वाधिक युवा होंगे इसलिए हमें युवाओं की महत्वाकांक्षा को उचित स्थान देने के लिए पाठ्यक्रम में आवश्यक रूप से बड़े बदलाव करने होंगे। ओपी जिन्दल यूनिवर्सिटी के संरक्षक एवं जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के चेयरमैन श्री नवीन जिन्दल ने इस अवसर पर उत्तीर्ण विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे राष्ट्र निर्माण में योगदान दें जिससे देश गर्वान्वित हो।

राज्यपाल श्रीमती अनसुईया उइके कल देर शाम ओपी जिन्दल यूनिवर्सिटी, रायगढ़ के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत ऑनलाइन आयोजित इस समारोह में स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को डिग्रियां और अवार्ड वितरित किये गए और 82 विद्यार्थियों को मेडल प्रदान किये गए। श्रीमती उइके ने कहा कि हमें ऐसी शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है जो सकारात्मक तरीकों पर आधारित हो और जिससे आत्मनिर्भरता की भावना को बल मिले। दीक्षांत समारोह अपने-आप में एक अविस्मरणीय पल होता है, विद्यार्थियों के लिए यह प्रसन्नता का क्षण होता है क्योंकि उन्हें आज के दिन ही अपने कठोर परिश्रम का फल मिलता है। यह सीखने के एक चरण की परिणति का प्रतीक है और इस बात से संतुष्ट होने का भी कि विद्यार्थी अब पूरी क्षमता और योग्यता के साथ दुनियादारी का सामना करने के लिए तत्पर हैं। यह माता-पिता के लिए भी खुशी का दिन है क्योंकि उनकी मेहनत इस दिन फलीभूत होती है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। राज्यपाल ने ओपी जिन्दल यूनिवर्सिटी के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को भी इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी।

इस अवसर पर श्री नवीन जिन्दल ने कहा कि ओपी जिन्दल यूनिवर्सिटी के 718 स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए यह गर्व का दिन है, जिन्होंने डिग्री हासिल की है। मैं उन सभी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं और बधाई देता हूं। आप आगे बढ़ें, राष्ट्र और समाज के लिए बड़ा काम करें जिसपर आपके विश्वविद्यालय और देश को गर्व हो। यह विश्वविद्यालय बाऊजी श्री ओपी जिन्दल जी के सपनों की वास्तविक परिणति है, जिन्होंने हमेशा समाज के लिए सदुपयोगी कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हम जिस समाज से बहुत कुछ लेते हैँ, किसी न किसी रूप में हमें उसे वापस करना भी चाहिए।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरडी पाटीदार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि 2014 में स्थापित ओपी जिन्दल यूनिवर्सिटी ने बहुत ही कम समय में अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय संरक्षक श्री नवीन जिन्दल जी के सपनों के अनुरूप विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

दीक्षांत समारोह में अव्वल श्रेणी के बच्चों को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक भेंट किये गए। इसके अलावा उन्हें प्रमाणपत्र और डिग्री प्रदान की गई। इस कार्यक्रम में आईआईटी भुबनेश्वर के निदेशक रत्मन वी. राजकुमार, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. शिववरन शुक्ला, सोहार विश्वविद्यालय, ओमान के कुलपति बैरी विन, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री प्रवीण पुरंग एवं अनेक अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों में भाग लेकर विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन किया।

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