छत्तीसगढ़

मुर्दा खोलेगा दफन राज: आखिर 52 दिन बाद कब्र से क्यों निकाला गया महिला का शव, वजह जान रह जाएंगे सन्न

बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में 52 दिन बाद कब्र से महिला के शव को बाहर निकाला गया है. जिससे कब्र में दफन मुर्दा राज खोल सके. महिला की मौत के बाद शव को दफना दिया गया था. लेकिन नर्स की मौत के बाद शरीर पर चोंट के निशान दिखे थे. फिर मृतिका की मां के आवेदन के बाद शव को दोबारा बाहर निकाला गया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल पूरा मामला सूरेगांव थाना क्षेत्र के मुड़खुसरा गांव का है, जहां 28 वर्षीय गामीन्ता साहू की 20 मई को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. 21 मई को पोस्टमार्टम कर महिला के शव को जलाने के बजाय दफना दिया गया था. मायके पक्ष वालों को आशंकी थी कि उनकी बेटी की मौत सामान्य नहीं है, बल्कि उसकी हत्या की गई है.

रायपुर में होगा शव को पोस्ट मार्टम

इसी सिलसिले में नर्स गामींता की मां सहित मायके पक्ष वालों ने नए सिरे से पोस्टमार्टम और जांच के लिए आवेदन किया था. जिसके बाद डौण्डीलोहारा एसडीएम ने नायाब तहसीलदार को न्यायिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया. आज 52 दिन बाद नायाब तहसीलदार, डीएसपी और परिजनों की मौजूदगी में महिला का शव कब्र से बाहर निकाला गया. शव को रायपुर मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.मां ने लगाया ये आरोप

मृतिका गामीन्ता की मां का आरोप है कि उसका पति आर्मी का जवान है. जिसका भिलाई के किसी महिला के साथ अवैध संबंध है. जब भी वह घर आता था, तो पत्नि के साथ मारपीट कर उसे प्रताड़ित करता था. यही कारण है कि मायके पक्ष वालों ने सवाल खड़े किया है. जिससे बाद आखिरकार नए सिरे से जांच के लिए कवायद शुरू कर दी है.

पुलिस का क्या कहना है ?

बालोद एएसपी डीआर पोर्ते का कहना है कि मृतिका गामीन्ता के परिजनों ने शव का दोबारा पोस्टमार्टम करने के लिए आवेदन दिया था. उन्हें मौत को लेकर संदेह है. उस आधार पर एसडीएम डौंडी लोहारा ने तहसीलदार देवरी को जांच के लिए नियुक्त किया था. जिसके बाद आज शव निकालवा कर मेडिकल कॉलेज रायपुर भेजा गया है, जहां दोबारा पोस्टमार्टम होगा.

Patrika Look

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