रायपुर कोरोना संकटकाल के बीच रायपुर रेलवे स्टेशन में 90 फीसद ट्रेने पटरी पर दौड़ रही है।पिछले महीने से ही बिहार और उत्तरप्रदेश जाने वाली ट्रेनों में ही आरक्षण को लेकर मारामारी बनी हुई है।बाकी ट्रेनों में यात्रियों की सामान्य भीड़ बनी हुई है। इधर, मुंबई में भारी बारिश और भू-स्खलन से मुंबई रूट पर रेल यातायात प्रभावित होने के कारण दो दिन मुंबई जाने वाली ट्रेने प्रभावित रही।इसकी वजह से दो दिन के भीतर यात्रियों ने यात्रा निरस्त कर दिया और रेलवे को सात सौ टिकट कैंसिल करना पड़
मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर से गुजरने वाली ज्यादातर लंबी रूट की ट्रेनों में भीड़ बढ़ने के साथ ही कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। अधिकांश ट्रेनों के जनरल बोगी में सीट फूल होने से यात्री किसी तरह से सफर करने को विवश है, जबकि आरक्षित डिब्बों की तरह जनरल बाेगी में जितनी सीटें हैं उतनी ही टिकट देना है।
बावजूद इसके कमाई के चक्कर में टीटीई बिना टिकट बोगी में सवार होने वाले यात्रियों से जुर्माना वसूलकर उन्हें यात्रा करने की छूट दे रहे हैं।टिकट किराये के अलावा ढाई सौ जुर्माना वसूलकर टीटीई लोकल बोगी में 90 की क्षमता से दोगुने यात्रियों को सफर करने दे रहे हैं। आलम यह है कि बाेगी के गेट और बाथरुम के सामने की जगह में भी यात्री खड़े होकर सफर कर रहे हैं।
यहीं नहीं दो बर्थ के बीच के फर्श की खाली जगह में भी यात्री चादर, गमछा बिछाकर लेट जा रहे हैं। कोरोना काल में इस तरह से सफर करने से एक बार फिर से कोरोना वायरस फैलने का खतरा मंडराने लगा है।बिहार, उप्र जाने वाली ट्रेनों में यह नाजारा आसानी से देखा जा सकता है।बावजूद इसके रेल मंडल ट्रेनों में जनरल बोगी का अतिरिक्त कोच नहीं बढ़ा रही है।
व्यापारियों को राहत
पार्सल ट्रेनों की संख्या बढ़ने से किसान व व्यापारियों को राहत स्टेशन से दौड़ने वाली पार्सल ट्रेनों की संख्या दोगुना कर दी गई है। इससे राजधानी सहित पूरे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत सब्जियां-फल, अनाज का पार्सल करने वाले किसानों और व्यापारियों को लाभ मिल रहा है।कोराेना के दूसरी लहर के पहले तक रायपुर स्टेशन से केवल तीन पार्सल ट्रेनों की सुविधा मिल पा रही थी।