रायपुर। फर्जी तरीके से कारोबार करते हुए इनपुट क्रेडिट लेने व जीएसटी चोरी करने वाले कारोबारियों पर जीएसटी विभाग ने सख्त रवैया अपनाया है। बीते नौ महीनों में जीएसटी विभाग ने रायपुर, भिलाई, दुर्ग सहित प्रदेश भर से 405 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी है। साथ ही जीएसटी चोरी करने के नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जीएसटी चोरों पर सख्त कार्रवाई करने के साथ ही इन दिनों जीएसटी कलेक्शन में भी जबरदस्त तेजी आई है। चार सालों में प्रदेश ने केंद्र को 31 हजार करोड़ से अधिक का जीएसटी दिया है। इसे काफी अच्छा माना जा रहा है।
70 करोड़ रुपये की हो चुकी है रिकवरी
विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक विभाग ने 405 करोड़ में से 70 करोड़ की रिकवरी भी कर ली है। बीते साल अक्टूबर 2020 से लेकर अभी तक की स्थिति में प्रदेश में करीब 100 कारोबारियों पर छापामार कार्रवाई हुई थी। इस कार्रवाई में ही जीएसटी चोरी पकड़ाई है।
यह है इनपुट क्रेडिट
जीएसटी में इनपुट क्रेडिट मूल रूप से इनपुट टैक्स क्रेडिट ही होता है। इनपुट क्रेडिट का अर्थ होता है आपके द्वारा इस्तेमाल किए गए पूंजीगत सामानों के अलावा कोई भी सामान जिसका उपयोग आपके व्यावसाय के दौरान किया जाता है। सेवाओं के इनपुट पर दिए गए करों को इनपुट टैक्स कहा जाता है। किसी वस्तु की खरीद पर पहले से चुकाए गए टैक्स को वर्तमान टैक्स से घटा सकते है और हमें फिर शेष राशि का ही भुगतान करना होगा। उदाहरण के लिए मान लीजिए आप एक साबुन कारोबारी है और साबुन बनाने 100 रुपये का कच्चा माल खरीदते है। उस समय 100 रुपये के कच्चा माल पर 18 फीसद टैक्स लगाया गया। आपको यह माल 118 रुपये पड़ा। आप उस कच्चे माल का उपयोग करके बने हुए साबुनों को 200 रुपये में बेचते है। इस पर टैक्स राशि 36 रुपये। इस 36 रुपये पर आपको 18 रुपये का इनपुट क्रेडिट मिलेगा।
रिटर्न फाइल नहीं किया तो होगा लाइसेंस रद
ऐसे कारोबारी जो अभी तक अपना रिटर्न फाइल नहीं कर रहे है और लापरवाही बरते है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अब ऐसे कारोबारियों का लाइसेंस रद होना शुरू हो गया है। इसलिए इन कारोबारियों को सावधान होना जरूरी हो गया है।
नहीं बख्शे जाएंगे जीएसटी चोर, रिटर्न फाइल नहीं करने वाले कारोबारियों को होगी परेशानी
केंद्रीय जीएसटी एवं उत्पाद शुल्क के प्रधान आयुक्त बीबी महापात्रा ने कहा कि अभी तक रिटर्न फाइल नहीं करने वाले कारोबारियों पर भी विभाग ने सख्ती करनी शुरू कर दी है। इन कारोबारियों का जीएसटी लाइसेंस रद किया जा रहा है। इसके साथ ही अब किसी भी हालत में जीएसटी चोरी करने वाले कारोबारी बख्शे नहीं जाएंगे। विभाग ने बीते साल से ऐसे कारोबारियों पर सख्ती करनी शुरू कर दी है।