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कृषि संबंधी नवीन जैव विविधता का पता लगाएंगे शहर के विशेषज्ञ

इंदौर। मध्यप्रदेश जैव विविधता आयोग भोपाल ने इंदौर शहर की जैव विविधता संरक्षण के लिए आवश्यक पंजीयन का काम महाराजा रणजीत सिंह कालेज को सौंपा है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और कृषि संबंधी नवीन जैव विविधता का पता लगाया जाएगा। इससे जो प्रजातियां खतरे में हैं उन्हें संरक्षित किया जा सकेगा। यह कार्य एक वर्ष में पूरा किया जाएगा।

जैव विविधता पंजी निर्माण के मुख्य शोधकर्ता कालेज के प्राचार्य डा. आनंद निघोजकर और सह शोधकर्ता डा. मुकेश पाटीदार है। डा. निघोजकर ने बताया कि नगर निगम सीमा क्षेत्र को चार भागों में विभाजित किया जाएगा। जैव विविधता की जानकारी एकत्र करने के लिए शहर के विषय विशेषज्ञ, वन विभाग, कृषि विभाग, मत्स्य पालन विभाग, पशु पालन विभाग का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए शहर के विशेषज्ञों से बात की जाएगी और विभिन्न् स्थानों पर जाकर जैव विविधता के नवीन स्त्रोतों की जानकारी एकत्रित की जाएगी। इससे वन, कृषि, मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्र की भी प्रगति होगी।

जैव विविधता आयोग की तकनीकी अधिकारी डा. कुनिका सिलांदिया की उपस्थिति में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें डा. सिलांदिया ने जैव विविधता पंजी निर्माण के संबंध में आवश्यक जानकारी प्रदान की। क्षेत्रीय वन अधिकारी श्री नरेंद्र पांड्या ने कहा कि इंदौर शहर में जैव विविधता को संरक्षित करना आवश्यक है। शहर में इस पर काम होने के बाद आने वाले परिणामों का उपयोग अन्य शहर भी करेंगे तो उन्हें भी लाभ मिलेगा।

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