छत्तीसगढ़

सरकार खिलाफ सर्व आदिवासी ने भरी हूंकार किया चक्का जाम प्रतिष्ठान रहे बंद, सुरक्षा में तैनात रहे पुलिस जवान

कोंडागांव। लगातार अपनी मांगों के लेकर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कई आवेदन निवेदन व एक दिवसीय धरना प्रदर्शन भी किया गया पर राज्य सरकार के द्वारा सर्व आदिवासी समाज के लोगों की 13 सूत्रीय मांगों को नजर अंदाज करते देख सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश नेतृत्व में हूंकार के बाद महाबंद को सफल बनाने के लिए सर्व आदिवासी समाज के लोग उतरे सड़क पर।

सर्व आदिवासी समाज ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 में नारायणपुर चौक के पास केशकाल, फरसगांव माकड़ी सहित सभी मुख्य मार्ग में सुबह 10 से चक्का जाम किया, चक्का जाम के चलते सड़क में दोनों ओर वाहनों की कतारें लग रही। यात्री परेशान होते दिखे, बीमार व चिकित्सालय जाने वाले लोगों को ही चक्का जाम में छूट मिली। अप्रिय स्थिति से निपटने बड़ी तादाद में सुरक्षा बल जगह-जगह में तैनात रहे। युवा आदिवासी लोगों के द्वारा बाइक रैली निकाली गई और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारे बाजी की गई।


राज्य सरकार के विरोध में चक्का जाम में शामिल होने जिले भर से आदिवासी समुदाय के लोग सुबह से ही जिला मुख्यालय में एकत्रित होने लगे। नगर में बंद ऐसा नजारा गलियां सुनी व नगर के तमाम व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, मुख्य मार्ग सहित गली मोहल्ले तक बंद का ऐसा नजारा लोग आने जाने में परेशान होते दिखे, आदिवासी समुदाय के लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग सहित जिला मुख्यालय से जुड़ने वाली सभी चौक चौराहों पर पारंपरिक हथियारों से लैस वेशभूषा में सज धज कर महा बंद को सफल बनाने डटे रहे ।। सर्व आदिवासी समाज जिला अध्यक्ष बंगाराम सोढ़ी ने दावा किया कि दिनांक 19 जुलाई से 8 अगस्त तक अनिशिचत कालिन धरना पर रहे, दिनांक 30 व 31 अगस्त को प्रदेश कमेटी के आह्वन पर आर्थिक नाकेबंदी की थी, लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को विचार वह समाधान की पहल नहीं की, इसीलिए प्रदेश अध्यक्ष सोहन पोटाई के नेतृत्व में आज सभी मांगों को लेकर महा बंद किए हैं ,जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी लड़ते रहेंगे,बस्तर संभाग, सरगुजा संभाग ऐसे करके बस्तर के 85 संभाग पांचवी अनुसूची क्षेत्र में है उन्हें सरकार ने आज तक नजरअंदाज किया है वहां पर संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को लागू करने में सरकार नाकाम रही है,मुख्यमंत्री से मिलने 24 जुलाई को गए थे लेकिन वहां कोई सकारात्मक चर्चा नहीं हुई,मंगलवार को10 बजे से महाबंध की शुरुआत की है जिसका शाम को समापन होगा, हमारी मांगों को लेकर सरकार द्वारा विचार नहीं किया जाता तो आगे और कदम भी बढ़ाएंगे।

बसों के पहिए थमे

मुख्य मांगे

  • सुकमा जिले के ग्राम सिलगेर मे शान्ति पूर्वक आन्दोलन कर रहे निर्दोष आदिवासियों पर अंधाधुंध गोलीबारी करने वालो के विरोध में एफ आई आर, घरना मे मृतक परिवारों को 50-50 लाख घायलों को 5-5 लाख व मृतक परिवारों के एक सदस्य को योग्यता अनुसार शासकीय नौकरी
  • बस्तर संभाग की नक्सल समस्या पर स्थायी समाधान हेतु सभी पक्षो से समन्वय स्थापित कर स्थाई समाधान की ओर राज्य सरकार द्वारा शीघ्र पहल करे
    -पदोन्नति मे आरक्षण के सम्बन्ध में जब तक माननिय उच्च न्यायालय के स्थगन समाप्त नही हो जाता तब तक किसी भी हालत मे अनुसूचित जाति /जनजाति के लिए आरक्षित पदोन्नति रिक्त पदो को न भरे
    -शासकीय नौकरी मे बैकलॉग एवं नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जावे
    -पांचवी अनुसूची क्षेत्र मे तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदो पर भर्ती मे मूलवासियों की शत प्रतिशत आरक्षण लागू किया जावे
  • प्रदेश मे खनिज उत्खनन के लिए जमीन अधिग्रहण की जगह लीज मे लेकर जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाया जाये
    -फर्जी जाति प्रकरण पर दोषियों पर शीघ्र कार्यवाही हो
    -छात्रवृत्ति योजना मे आदिवासी विद्यार्थियो के लिये -50 लाख की पात्रता सीमा समाप्त की जाये
    -आदिवासी समाज की महिला गैर आदिवासी समाज पे शादी होने पर जनप्रतिनिधि शासकीय सेवा या जनजाति समुदाय की जमीन खरीदी पर रोक लगाने के लिये सम्बन्धित अधिनियमों मे आवश्यक संशोधन किया जाये
    -आदिवासी उत्पीड़न पर अजाक थाना के चक्कर लगाने पडते है इस पर राज्य सरकार अकडाई से पलान कराये
    -वन अधिकार कानून2006 का कडाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये
    -पेशा कानून की क्रियान्वयन नियम तत्काल बना कर पालन सुनिश्चित करया जाये।
  • अनुसूचित क्षेत्र में ग्राम पंचायतो को विखंडित कर नगर पंचायत बनाया जाता है उन पुनः विखंडित कर ग्राम पंचायत बनाया जाये
  • सारकेगुड़ा कांड के दोषियों पर तत्काल कार्यवाही हो
यात्री हुए परेशान

घंटों परेशान होते रहे यात्री
चक्का जाम के चलते यात्री वाहनों व छोटी वाहनों में परिवहन परिवहन करने वाले यात्री परेशान होते दिखे। यात्री बसों की बस स्टैंड में कतार लगी रही, यात्रियों के मुताबिक सुबह से गंतव्य के लिए निकले है, यहां चक्का जाम में फंस चुके हैं। महिंद्रा बस से यात्रा करने वाले सीमा विश्वास के मुताबिक बीमार बेटे को जगदलपुर इलाज कराने लेकर जा रहे थे, चक्का जाम में फंस चुके हैं, वही जननी महिला यात्री के मुताबिक अंबिकापुर से जगदलपुर के लिए निकली थी यहां फंस चुकी हूं।

Patrika Look

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