छत्तीसगढ़

पशु चिकित्सा विभाग की लापरवाही कहीं किसानों को ना पडे भारी, ग्रामीणों को बाट रहा बिना लेबल की दवाइयां

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कोंडागांव पत्रिका लुक। सरकार पशुपालकों को बेहतर से बेहतर उपचार व सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करते महत्वाकांक्षी गौठान योजना चला रही ,वही पशु चिकित्सालय कोंडागांव में कार्यरत अधिकारियों की लापरवाही से पशुपालक परेशान हैं, सोमवार को पशु चिकित्सालय कोंडागांव से बीना लेवल लगी दवाइयां वितरण का मामला सामने आया।। ग्रामीणों ने पत्रिका लुक को बताया सप्ताह भर से गांव के मवेशियों में खुराचपका की बीमारी फैल चुकी है, लगभग गांव के सभी मवेशी बीमारी से ग्रसित है।जानकारी देने के बाद भी विभाग का कोई कर्मचारी न पहुंचने पर हमें कोडागांव स्थित पशु चिकित्सालय जाना पड़ रहा, सोमवार को दवाई के लिए कोंडागांव पशु चिकित्सालय पहुंचे थे, पशु चिकित्सालय के कर्मचारियों ने हमें बिना लेबल लगी दवाइयां दी है, किसी भी बॉटल में लेबल नहीं लगा था।

डॉक्टर नीता मिश्रा पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ

डॉक्टर नीता मिश्रा पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ किस कारण से लेबल फटा था, लेबल फटी दवाई वहां कैसे रखी थी, बिना लेबल की दवाई वितरण को लेकर जांच कराऊंगी।

शिशिर कांत पांडे उप संचालक पशु

बिना लेबल लगी दवाइयां वितरण की जानकारी मीडिया कर्मियों को होने पर अधिक जानकारी के लिए कार्यालय उप संचालक पशु चिकित्सा कोंडागांव पहुंचे,उपसंचालक पशु चिकित्सा कोंडागांव शशिरकांत पांडे ने जानकारी देते कहा कि हमारे यहां बिना लेबल की दवाईयां नहीं मिलती हैं,फिर बाटल का शील तोड़ सुंगकर कहा कि दवाई तो हमारे यहां की ही लग रही हैं पर ऐसे दवाई हमारे यहां से दी गई है तो जिस व्यक्ति के द्वारा यह दवाई ली गई हैं ,उस व्यक्ति द्वारा लिखित शिकायत करने पर जांच की बात कहते अधिक जानकारी देने से इनकार किया।

उप संचालक पशु कोंडागांव के द्वारा ऐसा कहना कहि ना कहि सन्देह को जन्म देता है, श्री पांडे के द्वारा अपने अधिनस्थ कर्मचारियों को बचाने के लिए ऐसा तो नहीं कर रहे यह जांच का विषय है। बरहाल देखना यह है कि समाचार प्रकाशन होने के बाद कलेक्टर इस पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए कार्यवाही, जांच करते हैं या नहीं यह तो आने वाला वक्त ही बनाएगा।?

Patrika Look

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