छत्तीसगढ़

जिले के छात्रावासों एवं आश्रमों में सीसीटीवी कैमरों के द्वारा की जायेगी निगरानी

कलेक्टर एवं एसपी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय निगरानी समिति की हुई बैठक

कोंडागांव। गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा एवं पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी की अध्यक्षता में छात्रावास एवं आश्रमों की सुरक्षा की समीक्षा हेतु निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में जिले के समस्त छात्रावासों एवं आश्रमों के अधीक्षक उपस्थित रहे। इस अवसर पर कलेक्टर ने समस्त आवासीय शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के संबंध में अधीक्षकों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि सभी आवासीय शैक्षणिक संस्थानों हेतु नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जायेगी। यह प्रतिमाह संस्थानों का निरीक्षण करेंगे। इसके अतिरिक्त बालिकाओं के आवासीय संस्थानों में बाउण्ड्री वॉल का निर्माण कर आस-पास पुलिस टीमों द्वारा नियमित निरीक्षण किया जायेगा साथ ही सभी बालक एवं बालिकाओं के छात्रावासों में चारो ओर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना कर इनके माध्यम से निगरानी करते हुए इन सीसीटीवी कैमरों के फूटेज के निरीक्षण हेतु अधिकारियों को नियुक्त कर इनके द्वारा रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को प्रेषित करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही सभी आवासीय संस्थानों में शिकायत पेटी की स्थापना एवं दीवारों पर लेखन द्वारा कलेक्टर, एसपी, हेल्पलाईन नम्बर सहित संबंधित अधिकारियों के व्यक्तिगत नम्बर भी लिखे जायेंगे। जिसपर वॉट्सएप के माध्यम से भी सूचना दी जा सकेगी।


सभी ऐसे संस्थान जहां बालिकाएं अध्ययन या निवास करती हैं, ऐसे स्थलों के आस-पास या क्रीडा स्थलों पर अक्सर छेड़छाड़ की शिकायतें प्राप्त होती है। जिसे देखते हुए कलेक्टर ने ऐसे आवासीय संस्थानों के निकट क्रीडा स्थलों पर अन्य लोगों को खेलने या विचरण करने पर प्रतिबंध लगाने एवं सायं 6.00 बजे के पश्चात् किसी भी पुरूष कर्मी को संस्थानों में प्रवेश प्रतिबंधित करने के निर्देश दिये। इसके अलावा बैठक में उन्होंने सभी अधिकारियों को महीने में एक बार सभी छात्रावासों का आकस्मिक निरीक्षण करते हुए व्यवस्थाओं का जायजा लेने, आवासीय विद्यार्थियों को नियमित रूप से पालकों से बात कराने के साथ ही नियमित चिकित्सकीय जांच कराने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिये।

पिंक टीम द्वारा पुलिस छात्रावासीय बालिकाओं को करेगी जागरूक

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि छात्रावासों की बालिकाओं से परामर्श एवं उन्हें जागरूक करने के लिये पिंक टीम का गठन किया जायेगा। यह दल सभी छात्रावासों में जाकर बालिकाओं से चर्चा कर उन्हें जागरूक करने के साथ उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाकर मोरल सपोर्ट प्रदान करने का कार्य करेंगे। अक्सर शालाओं से छूट्टी एवं प्रवेश के समय पर छेड़छाड़ की अधिक संभावना को देखते हुए ऐसे स्थलों को क्लस्टर के रूप में चिन्हित कर नियमित रूप से पुलिस दल द्वारा गश्त की जायेगी।

सभी जर्जर संस्थानों की सूची बनाकर किया जायेगा जीर्णोद्धार

इस दौरान कलेक्टर ने सभी अधीक्षकों को अपने संस्थान के समस्त जर्जर कक्षों, शौचालयों, अहाता विहीन छात्रावास, भवनविहीन छात्रावास, महिला होमगार्ड विहीन कन्या छात्रावास, क्रीडा परिसर विहीन छात्रावासों तथा बाउण्ड्री वॉल विहीन छात्रावासों की जानकारी जिला स्तरीय अधिकारियों को देकर विभाग द्वारा सूची निर्माण हेतु निर्देशित किया गया। इस पर कलेक्टर ने सभी अधीक्षकों को निर्देश दिये कि यदि कोई भवन जर्जर है एवं उससे क्षति की संभावना है, तो ऐसे संस्थानों को तुरंत प्रभाव से बंद करते हुए जिला अधिकारियों को सूचित किया जाये। सभी जर्जर संस्थानों के निरीक्षण हेतु कलेक्टर ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग को दस दिनों के भीतर सर्वे कर उनके जीर्णोद्धार अथवा नवीन भवन के निर्माण हेतु प्रस्ताव निर्माण के लिये निर्देशित किया।

इसके अलावा कलेक्टर ने छात्रावासों में रिक्त पद, होमगार्डों की नियुक्ति, संतुलित आहार, पेयजल व्यवस्था, स्वच्छता, शैक्षणिक गुणवत्ता, रंग-रोगन आदि पर विस्तृत चर्चा की। इस बैठक में सहायक आयुक्त संकल्प साहू, एएसपी राहूल देव शर्मा, सीएमएचओ टीआर कुंवर, एसडीएम गौतमचंद पाटिल, डीपीओ हेमराम राणा, डीएमसी महेन्द्र पाण्डे सहित जिले के समस्त छात्रावास एवं आश्रमों के अधीक्षक एवं शिक्षा विभाग तथा आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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