छत्तीसगढ़

जिले के समस्त सरपंचो के साथ कलेक्टर की हुई मेगा बैठक

टीकाकरण के अलावा गौठान, मनरेगा, शिक्षा एवं सुपोषण पर भी कलेक्टर ने किया विमर्श
कोंडागांव। जिला कार्यालय के सभा कक्ष में आये जिले के सभी विकासखण्डो से आये सरपंचो के साथ कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा की अध्यक्षता में महाबैठक का आयोजन किया गया था। बैठक मुख्यतः आगामी 12 दिसम्बर को जिले में प्रस्तावित कोरोना महाटीकाकरण अभियान के परिपेक्ष्य में आहुत था। अभियान के उद्देश्य एवं आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होने बताया कि जिले की एक बड़ी आबादी को कोरोना से सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है चूकिं कोरोना की तीसरी लहर में नये वेरिएंण्ट के आने से यह और भी जरूरी हो गया है। सभी जानते है कि कोरोना की पहली लहर ग्रामो तक नही पंहुची थी और उससे अधिकतर उम्रदराज लोग ही प्रभावित हुए थे जबकि दूसरी लहर ने अधिक खतरनाक स्वरूप दिखलाते हुए युवा वर्ग को भी चपेट में लिया था। अब तीसरी लहर की आंशका को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रो को बचाने की जिम्मेदारी पूरे प्रशासन एवं जनप्रतिधियों की है। जिले में वैक्सीन के पहले डोज के लिए अब सिर्फ 25 से 26 हजार लोग ही बचे हुए है और लगभग 90 हजार लोगो को दूसरा डोज लगना बाकि है। अतः सरपंचो, सचिवों एवं सभी ग्राम प्रमुखों का यह महती उत्तरदायित्व है कि इस टीकाकरण मे सहयोग देंवे ताकि जिले में शत् प्रतिशत लोगों को टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके । इस प्रकार 12 दिसम्बर को महाटीकाकरण अभियान ने टीकाकरण में अब तक बची हुई आबादी को टीका लगवाना सुनिश्चित किया जायेगा। इसके साथ ही उन्होने शत् प्रतिशत टीकाकरण करने वाले ग्रामों के सरपंचो की सराहना भी किया।
उन्होने महामारी से बचाव साधनो चिकित्सा एवं उपचार के संबध में बताया कि स्वास्थ्य केन्द्रो में आक्सीजन प्लांट की पूरी व्यवस्था है। इसके अलावा जिला मुख्य चिकित्सालय मेे 3 आक्सीजन उपकरण लगाये जा चुके है। 12 दिसम्बर को आयोजित टीकाकरण अभियान में 1 ही दिन में 1 लाख से अधिक लोगो का हर ग्राम पंचायत नगरीय निकाय, कस्बे, पारा, मोहल्लो-टोलो में वैक्सीकरण करने का प्रयास किया जायेगा और इसके लिए प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्था की जा चुकी है। बैठक में कलेक्टर ने इसके अलावा ग्रामों में अधोसंरचानात्मक विकास, आवागमन के साधनो पर चर्चा करते हुए कहा कि अदंरूनी गांव मंे सड़क एवं पुल-पुलिया का निर्माण पहले आवश्यकता है और इसके लिए इस वर्ष 3 करोड़ की राशि की लागत वाले पुल-पुलिया एवं सीसीरोड की स्वीकृति दी जा चुकी है। और और जिन-जिन ग्राम पंचायतो में इनकी आवश्यकता है वे तत्काल प्रस्ताव बनाकर जिला पंचायत में जमा करें। उन्होने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत् इन सभी कार्यो को पूरा किया जायेगा और उन्ही ग्रामों के कामगारों को नियुक्त करना सरपंचो की भी जिम्मेदारी है। जल जीवन मिशन का उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि ग्रामों के हर घर तक पेयजल हेतु नल कनेक्शन देना मिशन का मुख्य उद्देश्य है और इस कार्य में लगे विभागीय कर्मचारियों को ग्रामीण पूरा सहयोग देंवें। इसके साथ सुपोषण की चर्चा करते हुए उन्होने बताया कि बच्चो का मानसिक विकास 5 वर्ष तक हो जाता है और इसी उम्र में अगर बच्चे का सही देखभाल और खानपान न होने से बच्चा कुपोषण के चपेट में आ जाता है और कुपोषण का दुष्प्रभाव ताउम्र पीछा नही छोड़ती। इसलिए ऐसे बच्चो को पोषण पुर्नवास केन्द्र भिजवाने की पहल सरपंचो को किया जाना चाहीए। इसके लिए प्रशासन द्वारा ’’नगंत पिला’’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है साथ ही आंगनबाडी केन्द्रो में रेड-टु-ईट फूड के अलावा रागी अनाज से बने पोषक आहार भी बच्चो के डाइट में शामिल किया गया है। इस तरह सरपंचो को अपने ग्रामो के विकास कार्यो के अलावा शिक्षा और सुपोषण जैसे जनहितकारी एवं सामाजिक व्यवस्थाओं पर भी लगातार निगरानी रखनी चाहिए। गौठानो की उपयोगिता के संबध में उन्होने कहा कि गौठानो को आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित करना शासन का प्रमुख लक्ष्य है जहां स्वसहायता समुह के माध्यम से साग, सब्जी उत्पादन डेयरी पशुपालन, कुक्कुट पालन एवं मत्स्य पालन करके रोजगार स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर गांव की संकल्पना को साकार किया जा सकता है और जिले के गौठानो मे महिलाओं द्वारा इस कार्य को बखुबी किया जा रहा है। अतं में उन्होने यह भी बताया कि इन क्षेत्रो में उल्लेखनीय कार्य करने वाले ग्राम पंचायत ,सरपंचो एवं पंचो को 26 जनवरी मे एवार्ड भी दिये जायेंगे।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ प्रेमप्रकाश शर्मा ने जानकारी दी कि जिले मे 18 से 45 वर्ष के आयु वाले 2 लाख से अधिक व्यक्तियों को पहला डोज लग चुका है जबकि 45 आयु वर्ग को 1 लाख 27 हजार टीका लग चुका है। इस प्रकार 576 ग्रामों में एक साथ टीकाकरण करवाया जायेगा इसके लिए सभी ग्राम पंचायतो में इस संबंध में दीवार लेखन करवा कर तथा 11 दिसम्बर को सभी पारा टोलो मे मुनादी एवं माइक के माध्यम से भी ग्रामीणों को अवगत एंव जागरूक करायें। इसके अलावा इस विषय के संबंध में सभी पंचायते ग्राम प्रमुखो शिक्षको, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मितानिनो की एक लघु बैठक आयोजित अवश्य करें। ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण आबादी को कव्हर किया जा सके। इसके साथ ही बैठक में उपस्थित पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ कुमार तिवारी ने कानून व्यवस्था के सबंध में सरपंचो से चर्चा किया और कहा कि ग्रामीण क्षेत्रो में होने वाली किसी भी गंभीर घटना कि जानकारी पुलिस प्रशासन को अवश्य देंवें। ग्रामों में विवाद होने की स्थिति में किसी को भी कानून और व्यवस्था बिगाड़ने की अनुमति नही दी जायेगी और पुलिस प्रशासन इसमें पूरी क्षमता से अपना कार्य करेगा।
इस बैठक में विभिन्न ग्रामों से आये सरपंचो द्वारा अपनी मांग और समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया इसमें ग्राम गम्हरी के सरपंच ने गौठान और चबुतरा निर्माण की मांग रखी जिसके लिए कलेक्टर द्वारा तुरंत स्वीकृति भी दिया गया। इस क्रम में ग्राम उमरगांव के सरपंच द्वारा आश्रित गांव कोकड़ा भाटा में पदस्थ शिक्षक की लगातार अनुपस्थिति की शिकायत की गई। इस पर कलेक्टर ने उक्त शिक्षक को तत्काल निलंबन करने के आदेश दिये गये। इसके अलावा ग्राम भण्डारवण्डी से कोकड़ा जुगानार तक सड़क निर्माण, कुकाड़गारका पाल में ट्यूटर खेतरपाल के अपूर्ण स्वास्थ्य केन्द को पूर्ण करने चांदा गांव में स्कूल मरम्मत करने, ग्राम बालोण्ड एवं परौदा में पुलिया निर्माण, ग्राम पारोण्ड में अतिरिक्त प्रसवकक्ष की स्थापना, टेमरूगांव मे पंचायत भवन निर्माण, संबंधी मांगो पर भी कलेक्टर द्वारा स्वीकृति दिया गया।

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