सरकारी स्कूलों में बच्चों को स्तरीन सूखा राशन सप्लायर करने वाला कांग्रेस पदाधिकारी का पति पर अब तक कार्यवाही नहीं
आदिवासी बच्चों के जान से खिलवाड़ करने वाले गुणवत्ता हिंन सूखा राशन सप्लायर पर प्रशासन मेहरबान
कोंडागांव। पत्रिका लुक संवाददाता
पत्रिका लुक द्वारा जिले में सूखा राशन वितरण में हो रही गड़बड़ी व खराब राशन वितरण की खबर लगातार प्रकाशित किया गया था, की अधिकारी व ठेकेदार की मिलीभगत से जिले के विद्यालयों में बच्चों के लिए गुणवत्ता हीन सूखा राशन देने का खेल जारी है। खबर प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन के द्वारा बीइओ व बीआरसी को तत्काल कार्यवाही करते हुए मूल पद में डिमोशन करते हुए बस्तर कमिश्नर को निलंबन के लिए पत्र भेजा गया हैं।
अभिभावकों ने कहा था धन्यवाद पर अब लगाया आरोप
कलेक्टर की इस कार्यवाही से एक ओर जहां बच्चों के अभिभावक खुश हुए हैं तो वही जिला प्रशासन पर आरोप भी लगा रही एक पर कार्यवाही तो दूसरे को अभय दान , कहने का मतलब यह हैं कि अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर कार्यवाही कर जिला प्रशासन वाहवाही बटोरी पर गुणवत्ता हिंन सूखा राशन की सप्लाई करने वाले ठेकेदार पर कार्यवाही नही ये कैसा दोहरा चरित्र हैं जिला प्रशासन का?
आखिर क्यों नहीं कर रहा जिला प्रशासन सप्लायर पर कार्यवाही
जिला प्रशासन के द्वारा सूखा राशन सप्लाई पर जांच बैठा कर कार्यवाही करते हुए दो सरकारी नौकरशाहो पर गाज गिरा। पर सूखा राशन सप्लाई करने वाले ठेकेदार पर अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही जिला प्रशासन के द्वारा नही की गई। जिला प्रशासन ठेकेदार पर इस लिए भी कार्यवाही नहीं करना चाहती होगी क्योंकि वह कांग्रेस पार्टी से संबंधित है, इस लिए शायद प्रशासन कार्यवाही से पीछे हटा होगा शायद ?
कौन हैं सूखा राशन सप्लाई करने वाल
आपको बता दे युही कोई करोड़ पति नहीं बन जाता बहुत जत्न करने पड़ते है क्योंकि पैसों की भूख इतनी अधिक होती है ये भूल जाते हैं कि हम क्या कर रहे है। इसी के चलते सूखा राशन सप्लायर राकेश देवांगन के द्वारा निम्न स्तर का सूखा राशन स्कूली बच्चों के सप्लाई कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया । यह ऐसा कृत्य हैं जो माफ करने लायक नहीं फिर भी जिला प्रशासन के द्वारा उसे अभय दान दे दिया जाना कहि ना कहि दाल मे काला लगता होगा शायद?
कौन है राकेश देवांगन
आपको बतादे की जिला मुख्यालय में नामी गिरामी नाम है इस परिवार का । मुख्यालय में हर दूसरा व्यक्ति इनको जनता हैं। एक ओर खास वजह यह भी है कि इनके परिवार के लोग कांग्रेस पार्टी में ऊंचे पदों पर आसीन हैं साथ ही कांग्रेस पार्टी में इनकी अच्छी खासी पकड़ हैं।
नाम बड़े दर्शन छोटे
नाम बड़े और दर्शन छोटे इस लिए कहा जा रहा है क्योंकि नगर में इनका नाम हर दूसरा व्यक्ति बड़े आदर के साथ लेते हैं पर इस आदर का क्या जब ग्रामीण इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों के स्कूली बच्चों स्तहीन सूखा राशन सप्लाई कर देना ऐसा खराब सूखा राशन जो कुत्ता भी मुँह नही मारेगा।
इस लिए नियम कानून को तोड़ कर करते रहे सूखा राशन सप्लाई
आपको बता दें कि स्वसहायता समूह के द्वारा मध्यान्ह भोजन की खरीदी व वित्तरण का कार्य राज्य सरकार के द्वारा सौपा गया था पर कांग्रेस में अच्छी पकड़ के कारण ही दबाव पूर्वक सूखा राशन सप्लाई किया करते थे। राकेश देवांगन के द्वारा कहि सूखा राशन कम तो कही खराब सूखा राशन दे कर मालामाल हो गए। सूखा राशन सप्लायर पर एक कहावत सटीक बैठती हैं “”सईया भय कोतवाल तो डर काहेका”” क्योंकि सूखा राशन सप्लायर राकेश देवांगन की पत्नी कांग्रेस प्रदेश सचिव अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग छग के साथ ही अन्य परिवार के लोग भी कांग्रेस में अच्छी पकड़ रखते हैं।
सर्व आदिवासी समाज ने भी दिया कार्यवाही के लिए आवेदन
सर्व आदिवासी समाज के लोगो के द्वारा सूखा राशन सप्लाई करने वाले ठेकेदार व संबंधित नोकरशाह पर कार्यवाही के लिए कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा को आवेदन भी पूर्व में दे दिया गया पर कलेक्टर पुष्पेन्द्र मीणा के द्वारा जांच कराते हुए दो नोकरशाहो पर कार्यवाही की पर सूखा राशन सप्लाई करने वाला ठेकेदार पर आज तक जिला प्रशासन के द्वारा कार्यवाही नहीं किया गया हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा
सामाजिक कार्यकर्ता शैलेश शुक्ला ने कहा कि कोई भी ठेकेदार हो जो स्कूली बच्चों को सूखा राशन सप्लाई करता हो अगर खराब राशन दिया गया हैं तो उक्त सप्लाई करने वाले पर कलेक्टर के द्वारा कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए । कलेक्टर ने कार्यवाही क्यों नहीं कि यह एक अपने आप में एक बड़ा प्रश्न हैं? आगे कहते हैं कि स्कूली बच्चों को खराब सूखा राशन सप्लाई कर स्कूली बच्चों को बीमार करना हो सकता हैं या बच्चे खाए तो अच्छा फेके तो अच्छा सप्लायर को पैसा से मतलब । आगे कहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना क्योकि 15 साल बाद ही कांग्रेस की सरकार बनी इस लिए सारे नियम कानून कायदे को एक तरफ रख दो और जितना चाहे पैसा कमा लो फिर कांग्रेस आए या नहीं।
सीपीआई नेता बिरज नाग ने कहा
बिरज नाग ने कहा की जिला प्रशासन एक ओर कार्यवाही कर अपनी छवि को अच्छा दिखाती हैं पर सप्लाई करने वालाराकेश देवांगन का परिवार कांग्रेस में अच्छी पकड़ रखने के कारण ही जिला प्रशासन कार्यवाही करने में पीछे हट रहा होगा । ये कैसा जिला प्रशासन का दोहरा चरित्र । या फिर जिला प्रशासन कार्यवाही से पीछे इस लिए हट रही होगी क्योंकि कहि प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का प्रकोप झेलना ना पड़े शायद?