CPI ने कहा बंद करों ठेका पध्दति, वन समितियों को दे निर्माण का अधिकार
सीपीआई ने किया सांकेतिक घेराव वनमण्डलाधिकारी दक्षिण वनमण्डल कार्यालय का
9 सूत्रीय मांगों सम्बन्धी ज्ञापन सौंपा डीएफओ को
कोंडागांव पत्रिका लुक।
सीपीआई कोण्डागांव द्वारा वनमण्डलाधिकारी दक्षिण वनमण्डल कोण्डागांव का सांकेतिक घेराव करके डीएफओ को 9 सूत्रीय मांगों सम्बन्धी ज्ञापन को सौंपे जाने के सम्बन्ध में तिलक पाण्डे जिला सचिव भारतीय कम्युनिश्ट पार्टी जिला परिशद् कोण्डागांव ने प्रेस को जानकारी देते बताया कि उनकी पार्टी को वन विभाग कार्यालय घेराव करने जैसा कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि कोण्डागांव जिला क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अधिकांश गांवों के ग्रामीणजनों से उनकी पार्टी को निरंतर षिकायत मिल रही है कि हर गांव में कई पात्र किसानों को उनके काबिज वन/राजस्व जमीन का पट्टा नहीं दिया गया है, वहीं वन विभाग द्वारा मजदूरों से मजदूरी तो करा लिया जाता है, लेकिन मजदूरी नहीं दी जाती, वन प्रबंधन समितियों के खातों में बड़ी-बड़ी रकमें जमा करायी जाती है और अधिकारियों के द्वारा मनमानीपूर्वक निर्माण कार्य ठेकेदारों से कराकर उक्त रकम का आहरण करा लिया जाता है, उक्त जैसी ही अनेक शिकायतें मिलती रहती है। उक्त सभी समस्याओं के समाधान हेतु ही 9 सूत्रीय मांगों से सम्बन्धित तथा महामहीम राज्यपाल एवं मुख्य मंत्री छ.ग. शासन को सम्बोधित ज्ञापन को वनमण्डलाधिकारी दक्षिण वनमण्डल कोण्डागांव को 16 मार्च 2022 सौंपा गया है। कार्यालय घेराव के दौरान सीपीआई सहित अ.भा.नौ.सभा, अ.भा.छात्र संगठन, अ.भा.आदिवासी महासभा, अ.भा.किसान सभा कोण्डागांव के बिसम्बर मरकाम, जयप्रकाश नेताम, दिनेश कुमार मरकाम, बिरज नाग, नन्दू नेताम, मुकेश मंडावी, अनिल नाइक, सोमारू गावड़े, शिवराम नेताम, फगनू पोयाम, सुकचंद बघेल, सराद़ू सोरी,कृष्ण कुमार नेताम, चैतूराम, महाजन मरकाम, चैतराम कोमरा सचिव नारायणपुरशैलेश शुक्ला आदि कम्युनिश्ट सदस्यगण मौजुद रहे। बस्तर संभाग के सभी जाति वर्ग के लोग जो वन भूमि पर वर्ष 2005 के पूर्व से काबिज काष्त हैं, उन्हें वरियता के आधार पर अ.ज.जा.और अन्य परम्परागत वन निवासी अधिनियम 2008 के प्रावधानों के तहत वनाधिकार प्रपत्र तत्काल प्रदाए करने। जो किसान 2005 के पूर्व से वन भूमि पर काबिज होकर कृशि कार्य कर रहे हैं और उन्हें पात्र होने के बावजूद पट्टा प्राप्त नहीं हो पाया है, उनके द्वारा काबिज भूमि पर वन विभाग द्वारा जबरन पौधा रोपण किए जाने पर तत्काल रोक लगाए जाने। वन विभाग द्वारा ग्रामीणों से बिना सलाह मषविरा किये वनों व गांवों की सीमायें निर्धारित करने पर विवाद की स्थिति निर्मित होने को ध्यान में रखते हुए तत्काल जांच कमेटी बैठाकर ग्रामीणों की सलाह से 1908 व 1924 के राजस्व तथा पुराने वन नक्षों के आधार पर ग्राम व वनों की सीमायें निर्धारित की जाने। वन विभाग द्वारा वन परिक्षेत्रों में किये जाने वाले विकास कार्यों को निजी ठेकेदारों के माध्यम न कराकर वन समितियों के माध्यम से कराया जाने, कोण्डागांव जिले के ग्राम पंचायत कमेला के कोसारटेंडा बांध से प्रभावित किसान जो ग्राम पंचायत कमेला स्थित वनभुमि पर 1995 से काबिज हैं और उनमें से कईयों के झोपड़ियों को वनरक्षक दीपिका कोर्राम द्वारा तोड़ दिया गया तथा उनके द्वारा खुदवाये गये कुंए को पाट दिया गया है, लगाये गये फलदार वृक्षों को काट दिया गया है, जिला प्रशासन द्वारा खुदवाये जा रहे नलकुप को पाट दिया गया है और बांध प्रभावित किसानों को लगातार प्रत्ताड़ित किया जा रहा है, उपरोक्त वनरक्षक पर तत्काल कार्यवाही करते हुए बांध प्रभावित किसानों पर हो रहे प्रताड़ना पर तत्काल रोक लगाए जाने। वन विभाग द्वारा कराये जा रहे कार्यों को तत्काल पूर्ण कराने के साथ-साथ मजदुरी भुगतान तत्काल किए जाने, तेन्दुपत्ता तोड़ाई करने वाले मजदुरों को प्रति गड्डी 6 रुपये प्रदान किए जाने। वनाधिकार समितियों का चुनाव प्रति पांच वर्ष में ग्रामीण मतदाताओं के माध्यम से कराने जैसी 9 सूत्रीय मांग, भारतीय कम्युनिश्ट पार्टी द्वारा किया जाकर तत्काल कार्यवाही करने की मांग की गई है।
देखें वीडियो–
हमसे सम्पर्क साधे—
पत्रिका लुक वेब पोर्टल के लिए समाचार , विज्ञापन के लिए संपर्क करें- 9406183725, 9340389154, 9165961853,
ईमेल-patrikalook@gmail.com