मुख्य मंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट गौठान का बुरा हाल, गौठान में नहीं मवेशी, मवेशी कचरे के ढेर में
कोंडागांव पत्रिका लुक।
जिले को कचरो से मुक्त करने व मवेशियों को गौठान में व्यवस्था बनाने लाखों रुपए खर्च पर न तो नगर स्वस्छ व सुंदर बना न दी आवार मवेशियों से नगर व सड़के मुक्त हुई। मवेशी कचरे ढेर में भोजन तलास कर खा रहे खाना। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गौठान का बुरा हाल अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक नरवा ,गरुवा ,धुरवा ,बाड़ी के तहत बनाई गई गौठान व स्वच्छता अभियान बना शो पीस बनकर रह गई हैं। सरकारी खजाने से लाखों रुपए खर्च कर गौठान तो बनाए गए हैं पर गोठनों में मवेशी नदारत है। मवेशी नगर के सड़को ,गलियों ओर कचरे के ढेर में नजर आ रहे हैं । ये हाल है कोंडागांव जिला मुख्यालय का ।
आपको बतादे की वर्तमान में जिला मुख्यालय कोंडागांव के जामपदर मोहल्ला में स्थित गोठान का निर्माण पूर्व में कराया गया था कि जिला मुख्यालय में आवारा पशुओं को इस गौठान में ले जाया जाएगा और उसकी देख रेख की जाएगी । जिससे आवारा पशुओं से शहर को मुक्ति मिलने के साथ ही पशुओ की देख रेख भी हो सकेगी। से मवेशी नदारद हैं , गौठान वीरान नजर आ रहा, जहां घुमंतू मवेशी कचरे के ढेर में भोजन की तलाश करते देखे जा सकते हैं।नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत जामपदर में निर्मित गौठान का वर्षभर पहले शुभारंभ हुआ था।
ताकि स्थानीय ग्रामीणों के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे, सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जिम्मेदार विभागीय अधिकारीयो व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण दम तोड़ रही है।नगर पालिका के कर्मचारी सड़क से मवेशियों दर पकड़ कर कुछ दिनों के लिए गौठान में ले जाकर रखते तो हैं, पर्याप्त चारा व पैरा की व्यवस्था ना होने से मवेशियों के सामने भोजन का संकट गहराता है। वहीं जिन महिला समूह के हाथों गोठान संचालन का जिम्मा है। वे महिलाएं भी उदासीन नजर आ रही है। पत्रिका लुक टीम के द्वारा जब सुबह गोठान में निरक्षण के लिए पहुंचे तो गोठान विरान नजर आया ना मवेशी दिखे ना ही कोई कर्मचारी ,गोठान का मुख्य दरवाजा में ताला लटकता मिला, गौठान के अंदर चारा व पैरा तो नहीं महज जगह-जगह गोबर के ढेर ही दिखाई दिए।
वहीं गौठान से चंद मीटर दूरी पर नगर पालिका द्वारा वन क्षेत्र से लगे हिस्से में नगर से संकलित कचरा फेंकने के कारण कचरे का पहाड़ खड़ा हो रहा, विभाग द्वारा नगर से निकलने वाली कचरे के निदान का दावा किया जा रहा, लेकिन जमीनी तस्वीर कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही, नगर पालिका क्षेत्र से प्रतिदिन निकलने वाले कई टन मिश्रित कचरे को खुले में फेंका जा रहा। कचरे में भोजन तलाशने में नगर के घुमंतू मवेशी जुट जाते हैं, जो पूरे दिन कचरो में भोजन की तलाश करते दिखाई देते हैं ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के महत्वाकांक्षी योजना मात्र दिखवा नजर आ रहा है ओर अधिकारी देख कर जांच करने की बात कहते हैं । ऐसे में क्या होगा गौठान का ये तो गौठान की देख रेख करने वाले अधिकारी ही बता सकते हैं।