कोंडागांव पत्रिका लुक।
भूपेश सरकार की चुनावी समय में जन मानस से किया गया वादा /तमाम लोकलुभावन घोषणाएं सिर्फवोट बटोरने का छलावा/ दिखावा मात्र था। एक और देखा जाए वृहद स्तर आंदोलन में उतरने को तैयार अधिकारी कर्मचारी अपनी डीए की मांग को लेकर 25 से 29 जुलाई तक कलम बंद हड़ताल करने जा रहे है। इससे समस्त दफ्तर, स्कूल, कॉलेज पूर्णतया प्रभावित होंगे। कई महीने से चली आ रही मांग के साथ ही कई ममिनों से आंदोलनरत अधिकारी कर्मचारियों ने संकेत के तौर पर कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपा एक दिवसीय हड़ताल किया पर सरकार ने इन कर्मचारियों की मांगों पर जरा भी ध्यान नहीं दे रही है। जहां इस सरकार ने घोषणा पत्र में किए वादों के अनुसार वेतन विसंगति दूर करने की घोषणा की थी साथ ही चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान जैसे लोक लुभावने वादे किए थे, आज पर्यन्त कोई हल नहीं निकाला जा रहा है। जिसकी वजह से अधिकारी कर्मचारी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। देखा जाए तो कर्मचारियों को केंद्र के अनुरूप डीए दिया जाना चाहिए। जबकि राज्य सरकार 5% वृद्धि के बाद 22 प्रतिशत ही डीए का भुगतान 1 मई से दे रही है। जिसकी वजह से राज्य के कर्मचारियों के वार्षिक वेतन में 12% की अघोषित कटौती हो रही है । इस तरह निरंतर कटौती से कर्मचारियों को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं देखा जाए तो मकान भाड़ा में भी कटौती दिख रही है, महंगाई दर के हिसाब से मकान भाड़ा सातवें वेतनमान के अनुरूप दिया जाना चाहिए। पहली दफा देखा जा रहा है,राज्य की भूपेश सरकार ने रिकॉर्ड बनाया है। पहली दफा कर्मचारी अधिकारी मंहगाई भत्ता जेसे मांगों को लेकर पांच दिवसीय 25 से 29 जुलाई तक पूर्ण रुपेण कलम बंद हड़ताल करने को सड़क पर उतरने वाले है। यह एक रिकॉर्ड है कि डीए की मांग को लेकर कर्मचारियों ने इतनी लंबी हड़ताल की है। राज्य सरकार ने रिकॉर्ड बनाया और अधिकारी कर्मचारियों के करोड़ों रुपए को डकार लिया। लता उसेंडी ने कहा भुपेश सरकार को चाहिए कर्मचारीयों के मोलिक् अधिकार को सम्वेदन शिलता दिखाते मागों को पुरा करे।