मंहगाई भत्ता की मांग व हड़ताल पर कर्मचारी,वेतन बढ़ रहा नेताओं का वहां रे छत्तीसगढ़ सरकार
जायज मांग हैं तो पूरा करें सरकार , बच्चों की पढ़ाई व विभागीय कार्य ढप – सामाजिक कार्यकर्ता
कोंडागांव पत्रिका लुक।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन संघ के द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल पर तो वही छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के द्वारा 5 दिवसीय हड़ताल पर दते हुए हैं । दोनों संघ के द्वारा हड़ताल पर जाने से पूरा का पूरा शासकीय विभाग में एक प्रकार से ताला बंदी के चलते सारा विभागीय काम ढप पीडीए हैं । दोनों संघ के द्वारा लगातार राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं कि महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता की मांग कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन कोंडागांव जिला अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में यह पहला अवसर हैं जब कर्मचारियों को अपने महगाई भत्ते के लिए आंदोलन करना पड़ रहा हैं ये बड़ी अपसोश की बात हैं। बात यही खत्म नहीं होती हैं अपने हक के लिए लगातर सड़क की लड़ाई लड़ रहे हैं मांग व हड़ताल हम लेकिन दो दो बार विधायक एवं मंत्रियों का वेतन बढ़ा चुका है ये भी छत्तीसगढ़ इतिहास में पहली बार हो रहा है कि मांग कर्मचारी कर रहे वेतन नेताओ का बढ़ रहा। जब हम अपने दो सूत्रीय मांग को लेकर बार बार निवेदन आवेदन व मजबूर होकर हड़ताल का रास्ता इतिहार करना पड़ा उसके बाद भी राज्य सरकार हमारी मांगो को यह कहते हुए पूरा नही कर रहे हैं कि राज्य में वित्तीय संकट हैं। वित्तीय संकट है तो फिर नेताओ व मंत्रियों का वेतन कैसे बढ रहा है। नेताओ का वेतन बढ़ाने से हमें कोई परेशानी नही है, पर राज्य सरकार कम से कम अपने कर्मचारियों के हक का महगाई भत्ता के बारे में सोचते हुए मांगो को पूरा करना चाहिए। हम शासकीय कर्मचारी यही आशा राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से करते हैं की वे हमारी मांगो को पूरा करें।
सामाजिक कार्यकर्ता शैलेश शुक्ला ने कहा
इस पूरे मामले में सामाजिक कार्यकर्ता शैलेश शुक्ला ने सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य सरकार को सरकारी कर्मचारियों की मांग जायज माना जाता है तो यथा शीघ्र पूरा करना चाहिए क्योकि हड़ताल होने से बच्चों की पढ़ाई के साथ ही सरकारी विभाग के कार्य भी ढप पड़े है। वही नेताओ के वेतन बढ़ने को लेकर कहा कि अगर राज्य सरकार वित्तीय संकट का हवाला देकर कर्मचारियों को महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता नहीं दे रहे हैं, तो उन्हें अपना भी वेतन नहीं बढ़ाना चाहिए था। नेताओ का वेतन बढ़ाने से जनता में राज्य सरकार की छवि धूमिल हो रही है। लोग कह रहे हैं मांग कर्मचारी कर रहे वेतन नेताओ का बढ़ रहा वहां रे छत्तीसगढ़ सरकार।
लेखन- घनश्याम शर्मा