कोंडागांव पत्रिका लुक।
एक तरफ राज्य सरकार तो दूसरी और शासकीय कर्मचारी बीच मे पिस रहे छात्रवास के बच्चे, या फिर यू कहे कि शासकीय कर्मचारियों की हड़ताल जाने से छात्रावास में बच्चों की उचित देख रेख नहीं होने से बच्चे बीमार पड़कर अस्पताल पहुंच रहे हैं।
आपको बतादें की अधिकारी कर्मचारियों के हड़ताल में रहने के कारण जिले के आश्रम छात्रावासों में रहकर अध्ययन करने वाले बच्चे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भरोसे हैं। मर्दापाल क्षेत्र के ग्राम कांगा में स्थित बालक आश्रम में रहकर 130 बच्चे अध्ययनरत है।आश्रम के बच्चों का दूध पीने से अचानक तबीयत खराब होने का मामला गुरुवार दोपहर को सामने आया। बालक आश्रम कांगा में रहने वाले 3 बच्चों ने छात्रावास के रसोई कमरे में रखें दूध पाउच को निकाल कर पी लिया , जिसके बाद एक-एक कर सभी बच्चों का अचानक तबियत खराब होने लगा, बच्चों ने उल्टी करनी शुरू की , हॉस्टल अधीक्षक छुट्टी में रहने से छात्रावास के चतुर्थ वर्ग कर्मचारी बच्चों को लेकर मर्दापाल स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां पर बच्चों का उपचार चल रहा।
इन बच्चों को किया गया इलाज के लिए भर्ती
आपको बतादें की उपचार के बाद दो बच्चों गुलेश 12 कक्षा छठवीं ,धर्मेंद्र 13 कक्षा सातवीं के स्वास्थ्य में सुधार हुआ वहीं स्वास्थ्य में सुधार ना होने से एक छात्र देवेंद्र 15 को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया।
आश्रम के बच्चों ने बताया
अधिक्षक सर हड़ताल पर हैं, कृष्ण जन्माष्टमी के दिन हॉस्टल अधीक्षक हितेंद्र पोंगरा तीन पैकेट अमूल की दूध लेकर आए थे ,जिसमें एक पैकेट बचा हुआ था बचे हुए पैकेट को आश्रम के 3 बच्चों ने बुधवार शाम को व गुरुवार की सुबह पी लिया जिसके बाद बच्चों का स्वास्थ्य खराब हुआ।
संती सोरी ने बताया
कांगा बालक आश्रम सफाई कर्मी ने बताया कि 3 बच्चों का दूध पीने से तबीयत खराब हुई उन्हें लेकर मर्दापाल स्वास्थ्य केंद्र ले गए थे । 2 बच्चों के स्वास्थ्य सुधार हुआ हैं और एक बच्चा बात नहीं कर पा रहा उसे जिला चिकित्सालय भेज रहे।
आश्रम अधीक्षक हितेंद्र पोंगरा आश्रम में उपस्थित नहीं रहे वहीं मोबाइल बंद रहने से मोबाइल नंबर में संपर्क नहीं हो सका।
संकल्प साहू
संकल्प साहू सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने कहां अभी तक मेरी जानकारी में नही है दिखवाता हूं।