छत्तीसगढ़

मैं न पुलिस मुखबिर और न ही गोपनीय सैनिक हूं, मैं तो बस आंगन बाड़ी कार्यकर्ता हूं- रजबती बघेल

मेरे काम को देख मुख्यमंत्री ने की थी तारीफ पर शरारती तत्वों ने मुझे क्या से क्या बना दिया मुझे ही पता नहीं
कोंडागांव। पत्रिका लुक

मैं न पुलिस मुखबिर और न ही गोपनीय सैनिक हूं, मैं तो बस एक आंगन बाड़ी कार्यकर्ता मात्र हूं और वर्ष 2009 से ही आंगन बाड़ी केन्द्र चिकपाल में पदस्थ रहकर अपनी सेवाएं दे रही हूं। उपरोक्त बयान देते हुए रजबती बघेल ने प्रेस को बताया कि वह एक दुष्कर्म पीडिता है और ग्रामीणजनों के सहयोग से ही अतिसंवेदनशील क्षेत्र में बसे ग्राम पंचायत कड़ेनार के ग्राम चिकपाल में संचालित आंगन बाड़ी केन्द्र की आंगन बाड़ी कार्यकर्ता पद पर वर्ष 2009 से पदस्थ हुई और तब से आज तक निरंतर आं.बा.केंद्र चिकपाल में ही अपनी सेवाएं दे रही हूं, इसके पूर्व मैं कभी भी किसी अन्य गांव के आं.बा.केन्द्र में कार्यरत नहीं रही।

बच्चों को भोजन करती रजबति बघेल

उक्त बयान देने की नौबत क्यों आन पड़ी ? का जवाब देते हुए रजबती ने बताया कि वर्ष 2009 के पूर्व दुष्कर्म पीडिता होकर एक पुत्री का जन्म देने के बाद से ही बेहद परेशान रहने लगी थी, उक्त मामले में उसे कभी उचित न्याय नहीं मिला, आज भी अपनी बच्ची के हक के लिए कानूनी लडाई लड़ना पड़ रहा है। मैने अपनी बेटी को जैसे-तैसे आई.टी.आई. करा लिया है, जो स्थायी रोजगार की तलाष में रहते हुए महाविद्यालयीन शिक्षा ले रही है। हम माँ-बेटी को न परिवार वालों का और न ही कोई अन्य सहारा है, कोई भी समस्या होने पर मेरी व्यथा से वाकिफ सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार भाईयों का मार्गदर्शन व सहयोग मिलता रहता है।बच्चो का वजन नापती हुई रजबति बघेल

मेरी परेशानियों का अंत होने की बजाए किसी शरारती तत्व के दुश्प्रचार से वर्तमान में मेरी परेशानियां और बढ़ गई है। शरारती तत्व द्वारा अतिसंवेदनशील क्षेत्र में बसे ग्राम पंचायत कड़ेनार क्षेत्र में यह भ्रामक प्रचार कर दिए जाने पर कि रजबती बघेल आंगन बाड़ी कार्यकर्ता की आड़ में पुलिस मुखबिर व गोपनीय सैनिक का कार्य कर रही है और पूर्व में किसी अन्य ग्राम के आं.बा.केंद्र में काम करती थी, अब अपना स्थानांतरण चिकपाल में कराकर पुलिस मुखबिरी कर रही है। उक्त दुश्प्रचार होने के बाद से कुछ संदिग्ध लोगों द्वारा मेरे सम्बन्ध में पुछताछ किया जा रहा है, जिससे मैं इसलिए बहुत चिंतित और अत्यधिक भयभीत हूं क्योंकि संदिग्ध लोगों के ऐसे ही पुछताछ किए जाने के बाद पूर्व में अतिसंवेदनषील क्षेत्र में कुछ लोगों की पुलिस मुखबिरी के आरोप में हत्याएं भी हो चुकी है।

बंच्चो अंडा वित्तरण करने के लिए ले जाती हुई रजबति बघेल

ज्ञात हो कि कोरोनाकाल में कुछ ऐसे ही शरारती तत्वों के इस दुश्प्रचार से कि मैं शासन-प्रशासन द्वारा सूखा राशन वितरण के निर्देष की आड़ में अतिसंवेदनशील क्षेत्र में घूमने वाले अन्य लोगों को राशन दे रही हूं। जिस पर सुरक्षा बलों द्वारा मुझसे पुछताछ किया जाने लगा था और मुझे अपना लिखित जवाब उच्चाधिकारियों को देना पड़ा था। अब इसके उलट मुझ पर पुलिस मुखबिर व गोपनीय सैनिक होने का झूठा आरोप लगाकर मुझे मरवाने की साजिष होने लगी है, जिससे मैं अत्यन्त दूखी व परेषान हूं। उक्त झूठा और भ्रामक प्रचार संभवतः किसी अन्य ग्राम में पदस्थ उसी के नाम से मिलते-जुलते नाम की किसी अन्य आंगन बाड़ी कार्यकर्ता के सम्बन्ध में हो, जिसका खामियाजा उस निर्दोश को भुगतना पड़ रहा है। यानि पुलिस मुखबिरी करे कोई और खामियाजा भुगते और कोई। वर्तमान में रजबती बघेल, बेवजह की उत्पन्न हुई परेशानी से मुक्ति चाहती है और कुछ नहीं।    

सूत्र-प्रेस विज्ञति

लेखन शैलेश शुक्ला

Patrika Look

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