छत्तीसगढ़

कैसे मिलेगा प्रधानमंत्री आवास जब सरपंच ने कहां नहीं हो तुम आवास के पात्र

कच्चे मकान के अंदर रहने को ग्रामीण मजबूर हैं
कोंडागांव / बस्तर । पत्रिका लुक
हर व्यक्ति का एक सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो और उस सपने को साकार करने ताउर्म लगा देता है पर घर का सपना पूरा नही कर पाता लेकिन केंद्र सरकार ने हर व्यक्ति का घर का सपना पूरा होते दिख रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना बस्तर जिले व जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत तुरपुरा -2 में अभी तक बहुत से पात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। यहां के ग्रामीण छप्पर के नीचे या फिर पन्नी डालकर रहने को मजबूर हैं। और अपना जीवन यापन छप्पर व पन्नी के घर कर रहे हैं। ग्राम के ग्रामीणों ने कहा कि इसके लिए कई बार ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों से अवगत व अपील की गई, लेकिन अभी तक आवास नहीं मिला है।
प्रशासन कार्यालय के काट रहे चक्कर
चिकल दई, मारीबाई, कमला बाई ने बताया, “अभी तक प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला है। इसके लिए कई बार पंचायत से लेकर उच्च अधिकारियों तक के चक्कर काट चुके हैं। लगातार आवास के लिए गुहार पंचायत जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से लगा चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास नहीं मिलन से छप्पर के नीचे रहने को मजबूर हैं। ग्राम की महिलाओं के अनुसार जब बारिश होती है तो बहुत परेशानी होती है। बारिश का पानी घर में चला आता है, छतों से पानी टपकता है, पूरी बारिश डर भय में गुजारनी पड़ती है कहि बारिश में मकान ना गिर जाए । पर जीवन यापन करने है इस लिए मुश्किलों का सामना करने के बाद भी घर मे रहने को मजबुर हैं। सरकार अगर सरकारी आवास बना देते हैं तो बहुत महरबानी होगी।
मीराबाई ने कहना है
मारीबाई कहा की हमारे परिवार में पांच सदस्य है, मेरे पति शहर जाते हैं और वही पर मजदूरी करते हैं। हम लोगो का कोई खेती बाड़ी भी नही है । पति मजदूरी करते हैं तभी बच्चों का भरण-पोषण होता है। कच्चा मकान बारिश के चलते गिर गया। परिवार के सदस्यों व बच्चों को लेकर छप्पर के नीचे रहना पड़ता है। हम लोगो की मजबूरी है इसके अलावा दूसरा कोई चारा भी नहीं है। बस सरकार से निवेदन है आवास बन जाए बस इतना ही चाहते हैं।

सरपंच ने बताय

ग्राम सरपंच प्रेमराम कश्यप ने कहां की आदिवासी नही है इसलिए उनको प्रधानमंत्री आवास योजना नही मिलेगा क्योंकि ऊपर से आदेश आ चुका है ओबीसी होने के नाते उनको प्रधानमंत्री आवास नहीं मिलेगा।
सरपंच ने बयान के अनुसार
सरपंच के बयान से ऐसा लगता है कि सरपंच ग्राम पंचायत में अपना अलग से कानून व्यवस्था बना रखा है। आवास वितरण को लेकर जाती में लोगों को बाट दिया गया हैं इसलिए आज तक बहुत से लोगों का सरकारी आवास नही बन पाया ।
सीईओ राठौर ने बताया
सीईओ श्री राठौर ने कहा आवास के लिए तो कोई जातिगत का बंधन तो नही होता हैं । लिस्ट बनी हुई है जैसे-जैसे लिस्ट में हितग्राहियों का आवास बनते जाएगा। जिन लोगों का वेटिंग लिस्ट में होगा उनका भी आवास बनेगा। प्रधानमंत्री आवास का पैसा भी रुका हुआ था। वर्तमान में आवास की किस्त आने वाली है उसकी तैयारी चल रही है जो अधूरे आवास है उसे पूर्ण किया जाएगा।

सूत्र – डमरू कश्यप , पत्रिका लूक रिपोर्टर

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