छत्तीसगढ़

भ्रष्ट मनोवृत्ति वाले अधिकारियों द्वारा बस्तर को चारागाह मान करोड़ो रुपये  का वारा न्यारा व गठरी बांधकर  चले जाते-केके ध्रुव


छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाही पर की सराहना, बस्तर में करें छापे की कार्रवाही

कोंडागांव । पत्रिका लुक
केशकाल विधानसभा के पूर्व विधायक कृष्णकुमार ध्रुव ने प्रदेश के आई ए एस अधिकारियों के द्वारा 11अक्टूबर को पडे ईडी के छापों की सराहना की।  बस्तर संभाग के तथा प्रदेश के  विभिन्न जिलों में पदस्थ अवधि में इन भ्रष्ट मनोवृत्ति के अधिकारियों के संदिग्ध विवादास्पद कार्यों की भी जांच पडताल करने की मांग की। जिससे बस्तर में अधिकारियों के द्वारा किए गए कारनामों का खुलासा हो सके और भविष्य में कोई अधिकारी ब्यक्तिगत स्वार्थवश अपने पद एवं अधिकार का दुरूपयोग करने का दुस्साहस न कर सके ।  पूर्व आदिवासी विधायक का कहना है की हमारे आदिवासी बाहुल्य संभाग को गलत मानसीकता के अधिकारी प्रयोगशाला और चारागाह मानकर आते है और अल्प समय मे ही करोडों रूपया  का वारा न्यारा कर गठरी बांधकर विदा हो जाते हैं  । बीजापुर जिला पंचायत सी ईओ रहते भ्रष्टाचार के आरोपों मे घिरे रहने के बाद भी  उन्हे कलेक्टर बना दिया गया।
कोंडागांव कलेक्टर के दौरान हुआ था डामर घोटाला
कोंडागांव जिला में 2 सितंबर 2016 से 16 अक्टूबर 2016 तक मात्र साढे तेरह महिना कलेक्टर के पद पर रहने वाले समीर विश्नोई के कार्यकाल में घटित बहुचर्चित डामर घोटाला कांड और डी एम एफ फंड के करोडों का घोटाला हुआ था। प्रशासनिक अधिकारियों के संलिप्तता के चलते  जिसकी जांच कार्यवाही आज तक पूरी नहीं  हुई हैं।  डामर घोटाला कांड की जांच जिस कमीश्नर के देख रेख में आरंभ हुआ था। उनके बारे में जानकार यह बताते है़ की साहब भी मामले को रफा दफा करा देने मे जुट गये थे ।
नेता व अधिकारियों ने आईएएस का कराया ट्रांसफर
कोंडागांव जिला पंचायत के पद पर पदस्थ महिला आईएएस अधिकारी जब लंबे समय से पेंडिग पडे भ्रष्टाचार के बंद फाईलों को खंगालना शुरू किया तो खलबली मच गयी थी और भ्रष्टाचार में गोते लगाते अधिकारियों एवं उनके राजनीतिक आकाओं ने आनन फानन में उनका ट्रांसफर करवाकर ही चैन की सांस ली।  पूर्व विधायक ने 3 वर्ष पूर्व सुकमा जिला के कलेक्टर रहे जे.पी.मौर्य के कार्यकाल में जिले के मुलाकिसोली ग्रेनाइट
खदान टेंडर में चीनी कंपनी द्वारा भारतीय कंपनी के सांथ मिलकर  किया गया था ।  छ.ग.खनिज विकास निगम  के एम डी रहते मौर्य के द्वारा कांकेर जिला के आरीडोंगरी खदान का एमओडी के तहत जिस तरह से एक निजी कंपनी को दे दिया गया उसकी भी बारिकी से जांच होनी चाहिए। पूर्व विधायक कृष्ण कुमार ध्रुव ने  ई डी के अधिकारियों से प्रेस iविज्ञप्ति जारी की।

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