छत्तीसगढ़

पंचायत प्रतिनिधियों ने कहाँ आवश्यक पुस्तको की ख़रीदी ग्राम पंचायत की सहमति से , सीईओ पर आरोप बेबुनियाद

वन अधिकार अधिनियम, सूचना के अधिकार, पंचायत राज अधिनियम, पेसा अधिनियम, भण्डार क्रय व अन्य अत्यावश्यक पुस्तको की आवश्यता है पंचायतो को

कोंडागांव । पत्रिका लुक
जनपद कोंडागांव में पुस्तक खरीदीं में अनियमितता बताते कुछ राजनीतिक पार्टियों के जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया था जिस पर पंचायत सचिवों ने कहाँ की उक्त पुस्तके अत्यावश्यक थी जिन्हें पंचायत के कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए क्रय किया जा रहा है। वही ने कहा कि सचिवों के साप्ताहिक बैठक में राज पब्लिकेशन स्टेशनरी रायपुर के द्वारा सम्पर्क के दौरान सचिवों से चर्चा के बाद पंचायत राज अधिनियम, लेखा नियम, आदि पुस्तकें दिखाया गया। सभी पुस्तके ग्राम पंचायते में संचालित योजनाए जैसे- वन अधिकार अधिनियम, सूचना के अधिकार, पंचायत राज अधिनियम, पेसा अधिनियम, भण्डार क्रय, आदि ग्राम पंचायत संचालन के सहयोगी पुस्तकें है,पंचायतो के लिए उपयोगी पुस्तके होने के चलते सचिवों द्वारा खरीदी करने में सहमति बन गई ,वही उक्त चर्चा के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत कोण्डागांव तत्समय उपस्थित भी नहीं थे,लेकिन उनपर अनियमितता का आरोप लगाना बेबुनियाद है। सहमति अनुसार राज पब्लिकेशन रायपुर के द्वारा जनपद पंचायत कोण्डागांव में ग्राम पंचायतों को बुक प्रदाय किया गया। कुछ पुस्तके राज पब्लिकेशन द्वारा बैठक के दिन स्वयं उपस्थित होकर वितरित किया गया एवं शेष पुस्तके उनके द्वारा वापस लिया गया।वही ग्राम पंचायतो के कुछ सचिवों के द्वारा पुस्तके उठाव किया गया वहीं 125 पंचायत में से 04 ग्राम पंचायतो द्वारा राज पब्लिकेशन रायपुर को चेक के माध्यम से भुगतान किया गया । शेष ग्राम पंचायतो द्वारा अब तक भुगतान नहीं किया गया है लेकिन सीईओ जनपद पर लाखों रुपये की अनियमितता का आरोप लगाना बेबुनियाद है।पुस्तक क्रय के मामले में जनपद पंचायत कोण्डागांव के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत को क्रय हेतु किसी भी प्रकार का आदेश नहीं दिया गया है ,और न ही किसी ग्राम पंचायत को भुगतान किए जाने बाध्य किया गया है।

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