छत्तीसगढ़

आरक्षण को लेकर सामान्य वर्ग के लोगों ने दिया  राज्यपाल के नाम कलेक्टर को  ज्ञापन

कोण्डागांव। पत्रिका लुक
सामान्य वर्ग के लोगों के द्वारा अपनी आरक्षण के मांग को लेकर राज्यपाल को नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा हैं।  आपको बतादे कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सामान्य वर्ग के ईडब्लूएस आर्थिक आधार पर दी जाने वाली 10 प्रतिशत आरक्षण को 4 प्रतिशत पारित किया गया।  जिसका समान्य वर्ग समाज के द्वारा राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया l  जहा 76% आरक्षण को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं।  तो वही सामान्य वर्ग में भी सरकार के इस निर्णय को लेकर भारी आक्रोश है। इसी विषय को लेकर 27 दिसम्बर सोमवार को सामान्य वर्ग के बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए और कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर  राज्यपाल के नाम  कलेक्टर को छत्तिसगढ़ सरकार द्वारा लाए गए विधेयक के विरोध में ज्ञापन दिया गया l
क्या लिखा है ज्ञापन ज्ञापन में निवेदन किया है कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए लाया गया संविधान संशोधन विधेयक लोक सभा में जनवरी 2019 पारित किया गया था। इसी तारतम्य में माननीय उच्चतम न्यायालय ने 07 नवम्बर 2022 को इस विधेयक को मान्यता प्रदान करते हुए देश में 50 प्रतिशत तक ही आरक्षण सीमा निर्धारित की है। उच्चतम न्यायालय की संविधानपीठ के अनुसार सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लघन नहीं है । महोदया विदित हो कि छत्तीसगढ़ विधान सभा के विशेष सत्र में पारित आरक्षण 201 संशोधन विधेयक 2022 को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की इस विधेयक में अनुसूचित जनजाति संवर्ग को 32 प्रतिशत, अन्य पिछडावर्ग को 27 प्रतिशत अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत और आर्थिक रूप के लिए 10 प्रतिशत कम कर 4 प्रतिशत आरक्षण प्रस्तावित किया गया है, जो कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गये निर्णय तथा संविधान में सभी वर्गों कोदिए गये समानता के अधिकार का उल्लंघन है  से कमजोर वर्ग  हमारा विरोध किसी भी वर्ग से नहीं है और न ही हम किसी भी वर्ग को मिलने वाले अधिकार का विरोध कर रहे है। सामान्य वर्ग सदैव से अपनी सहिष्णुता के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन आजादी के 7 दशकों के बाद भी सामान्य वर्ग की उपेक्षा निरंतर जारी है। सरकारों की उपेक्षा के चलते आज हमारे बच्चों का भविष्य अंधकारमय प्रतीत हो रहा है । अतः हम सामान्य वर्ग के समस्त लोग छत्तीसगढ़ विधान सभा में विधेयक 2022 में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप कमजोर वर्ग को दिए जाने वाले 10 प्रतिशत। आरक्षण के स्थान पर 4 प्रतिशत आरक्षण के प्रस्ताव का विरोध करते हुए आप से निवेदन करते  है कि उक्त कटौती को समाप्त कर उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णयानुसार सामान्य वर्ग के संवैधानिक अधिकारों को संरक्षण प्रदान करने की  महान कृपा करेंगे ।

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