कोंडागांव । पत्रिका लुक
हाईकोर्ट ने आज पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर कांग्रेस नेता द्वारा दायर याचिका खारिज कर डॉ रमन सिंह को बड़ी राहत दी है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर कांग्रेस नेता विनोद तिवारी द्वारा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।जिस पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनते दायर याचिका को खारिज कर दिया । न्यायालय ने अपने फैसले में कहा बिना तथ्य के याचिकाकर्ता के द्वारा याचिका दायर की गई थी, इसलिए यह याचिका खारिज की जाती हैं।
याचिकाकर्ता के मुताबिक डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ राज्य के 2003 से 2018 तक मुख्यमंत्री रहे।1998 में चुनाव हारने के बाद रमन सिंह पर बैंक का कर्ज था ,फिर 2003 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने और 2018 तक मुख्यमंत्री के पद पर रहे। इनके परिवार के पास कोई खास आय का स्रोत नहीं है, लेकिन चुनावी शपथ पत्र में सोना, जमीन, और लाखों रूपए की जानकारी दी थी। ये सब आया कहां से इसकी जानकारी नहीं है।
प्रेस कांफेंस कर कांग्रेस पर साधा निशाना
इसे लेकर रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और शिवरतन शर्मा प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। रमन सिंह ने कहा कि भूपेश बघेल लंबे समय से मुझ पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस के माध्यम से कोर्ट में इस मामले को ले जाने की भरसक कोशिश की गई. आज हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस मामले को तथ्यहीन, निराधार और राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि जो दस्तावेज लगाए गए ये आधार नहीं बनता। रमन सिंह ने कहा कि चुनावी शपथ पत्र को चुनाव आयोग ने भी परीक्षण किया था. कहीं कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई. 2008, 2013 और 2018 में चुनाव आयोग में दिया गया एफिडेविट गलत नहीं पाया गया. हाईकोर्ट ने कहा है कि इस मामले में किसी भी तरह की जांच की जरूरत नहीं है. मैंने पहले भी कहा था सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. आज हाईकोर्ट के फैसले के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. इस मामले में जिन लोगों ने आरोप लगाये हैं उन पर कार्रवाई के बारे में विचार किया जा सकता है।