छत्तीसगढ़

भरोसे का सम्मेलन नहीं कांग्रेस का तमाशा – डॉ. रमन सिंह

छत्तीसगढ़ की जनता का भरोसा कांग्रेस ने खण्ड-खण्ड किया, बताये कांग्रेस कि प्रियंका गाँधी को बुलाने की ज़रूरत क्यों पड़ गयी

कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर विफल, बस्तर फिर नक्सल चपेट में घिर रहा है

झूठे कसीदे गढ़ना छोड़े कांग्रेस, बस्तर ब्रांड नहीं वरन मांई दंतेश्वरी देवी की पावन धरा है

जगदलपुर। पत्रिका लुक (विनय कुमार दत्ता)
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह दो दिनों के लिए बस्तर दौरे पर है और प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस का भरोसे का सम्मेलन तमाशा था। चुनाव के छ: महीने पूर्व का कांग्रेस को क्या ज़रूरत पड़ गयी कि दिल्ली से प्रियंका गाँधी को बस्तर लाना पडा। असलियत यह है कि साढे़ चार साल पहले राहुल गाँधी ने जो झूठा भरोसा छत्तीसगढ़ के निवासियों को दिलाया था, वह खण्ड-खण्ड हो चुका है। सारे वायदे झूठे साबित हुये,कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर पूर्णतः विफल है, इसलिये चेहरा बदल कर अब प्रियंका गाँधी को लाया गया है, जो सफल नहीं होगा। आगामी चुनाव में भरोसा तोड़ने वाली कांग्रेस को बाहर कर प्रदेश की जनता भाजपा की जीत का परचम लहरायेगी। डा. रमन ने कहा कि बस्तर ब्रांड नहीं है, यह मांई दंतेश्वरी देवी की पावन धरा है, आदिवासियों की अनमोल संस्कृति व आस्था की भूमि है।  भाजपा जिला कार्यालय में प्रेसवार्ता में डॉ.रमन सिंह ने बाबा साहेब डा.अंबेडकर को याद करते हुये कहा कि भाजपा सामाजिक समरसता को आगे बढाने के लिये निरंतर कार्य कर रही है और इसके उलट कांग्रेस सरकार भष्ट्राचार में आकंठ तक डूबी हुई है। अधिकारियों से वसूली का खेल बिना भय के चल रहा है। आलम यह है कि प्रदेश की व्यवस्था चरमरा गयी है। विकास के काम ठप पडे़ है। मुख्यमंत्री विज्ञापनों में छत्तीसगढ़ के विकास के झूठे कसीदे गढ़ रहे हैं।  पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने चिंता जाहिर करते हुये कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार में ईच्छा शक्ति का अभाव है। जिसका परिणाम प्रदेश में लाॅ एण्ड आर्डर लगभग समाप्त हो चला है। आपराधिक घटनाओं में निरंतर हो रही वृद्धि यह स्पष्ट बता रही है। नक्सली घटनायें बढ़ रही है और बस्तर फिर नक्सली चपेट में घिरता जा रहा है। जबकि भाजपा के पूर्व शासन में नक्सलियों को खत्म करने कड़े कदम उठाये गये थे।  डॉ.रमन सिंह ने कहा कि आदिवासी तेंदू पत्ता संग्राहकों के बोनस पर भूपेश सरकार ने डाका डाला है। भाजपा के शासन में तेंदू पत्ता संग्राहकों को मिलने वाली 749 करोड़ रुपये की बोनस राशि घटकर अब 110 करोड़  रुपये पर आ गयी है। पारिश्रमिक व बोनस की राशि मिलाकर भाजपा के शासन में 1176 करोड़ रूपये का भुगतान आदिवासियों को किया गया, जबकि कांग्रेस की सरकार में यही राशि घटकर 630 करोड़ रुपये हो गयी। ऐसे ही चरण पादुका योजना को बंद करना भी कांग्रेस की वनवासी विरोधी मानसिकता को दिखाता है। आगे कहा कि वन अधिकार पट्टे वितरण का खुला झूठ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोल रहे हैं। सच्चाई यह है कि भाजपा शासन में सन् 2008 से 2018 तक 4 लाख 1 हजार 586 आदिवासी वन अधिकार पट्टे प्रदान किये गये, जिनका प्रति वर्ष अनुपात 40 हजार 158 है। जिसमें छत्तीसगढ़ पूरे देश में आदिवासी पट्टे वितरित करने में दूसरे स्थान पर था। और वही कांग्रेस सरकार ने साढ़े चार साल में लगभग 54 हजार 771 वन अधिकार पट्टा ही आबंटित किया है, जिसका औसत मात्र 13692 पट्टा प्रति वर्ष है। जिसमें देश में पट्टे वितरण में छत्तीसगढ़ अब सातवें स्थान पर गिर गया है। कांग्रेस झूठ भी शान से बोलती है, यह उजागर हो गया है।  दौरान भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, किरण देव, भाजपा जिला अध्यक्ष रुप सिंह मण्डावी,डा.सुभाऊ कश्यप, जिला प्रभारी जी वेंकट,पूर्व विधायक संतोष बाफना,श्री निवास राव मद्दी,कमल चंद भंजदेव, लच्छूराम कश्यप, बैदूराम कश्यप, शिवनारायण पाण्डेय, सुधीर पाण्डेय निखिल राठौर, आलोक ठाकुर,योगेन्द्र पाण्डेय,श्रीनिवास मिश्रा, श्रीधर ओझा, रामाश्रय सिंह, वेदप्रकाश पाण्डेय, रजनीश पाणिग्रही, नरसिंह राव,संजय पाण्डेय,आलोक अवस्थी,सुरेश गुप्ता, संग्राम सिंह राणा, राकेश तिवारी, अविनाश श्रीवास्तव, सुधा मिश्रा,आशु आचार्य,तेजपाल शर्मा आदि उपस्थित थे।

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