विश्व आदिवासी दिवस पर कोंडागांव में जिलास्तरीय समारोह का आयोजन, संतराम नेताम व मोहन मरकाम हुए शामिल
वन अधिकार पत्र सहित विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को किया गया सामग्री और चेक का वितरण
कोण्डागांव। पत्रिका लुक
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कोंडागांव में जिलास्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। बड़े कनेरा मार्ग में स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री मोहन मरकाम, विधानसभा उपाध्यक्ष श्री संतराम नेताम सहित उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने इस अवसर पर हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र सहित विभिन्न शासकीय योजनाओं के अंतर्गत सामग्री और चेक का वितरण किया। आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास तथा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास मंत्री मोहन मरकाम ने इस अवसर पर विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज का यह अवसर खुशियां मनाने के साथ ही बेहतर विकास के लिए भविष्य की योजनाएं तैयार करने का अवसर भी है। उन्होंने प्रदेश में सबसे अधिक वन अधिकार पत्र कोंडागांव जिले में दिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि वनों पर आश्रित लोगों को अधिकार प्रदान करने में रुचि दिखाए जाने पर यह संभव हुआ। इसके साथ ही वन अधिकार पत्रधारक हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत भी लाभान्वित किया गया। हमारे आस्था के केन्द्र देवगुड़ी और मातागुड़ियों के साथ ही सांस्कृतिक धरोहर घोटूलों के संरक्षण का कार्य भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिलें में 140 करोड़ रुपए की लागत से मक्का प्लांट की स्थापना की जा रही है, जो युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खोलगी। छत्तीसगढ़ शासन आदिवासियों के हित के लिए लगातार काम कर रही है, इसलिए तेंदूपत्ता का मूल्य प्रति मानक बोरा 2500 रुपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए किया गया। इसके साथ ही महुआ की कीमत भी 17 रुपए से बढ़ाकर 33 रुपए प्रतिकिलो की गई है। बच्चों को अच्छी आवासीय शिक्षा एकलव्य विद्यालयों के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देकर सर्वश्रेष्ठ कोंडागांव के निर्माण की अपील की।
संतराम नेताम विधानसभा उपाध्यक्ष
इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने आदिवासियों को प्रकृति का रक्षक और विश्व का धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन पर अधिकार की हमारी पुरानी मांग थी, जिसे छत्तीसगढ़ शासन ने हमें दे दिया। सबसे अधिक वन अधिकार पत्र इस जिले में प्रदान किए गए। हम सभी का दायित्व है कि हम इसकी रक्षा करें। उन्होंने वनोपज को आदिवासियों की आजीविका का सबसे बड़ा आधार बताते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने वाले वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 65 की गई। सरकार की नीतियों के कारण आदिवासियों में समृद्धि बढ़ी है। गांव-गांव में लोग ट्रैक्टर और मोटर सायकल खरीद रहे हैं। जिनके पास भूमि नहीं है, उन्हें सरकार प्रतिवर्ष सात हजार रुपए प्रदान कर रही है। संस्कृति के संरक्षक सिरहा, गुनिया, गायता, पुजारी, बाजा मोहरिया आदि को भी प्रति वर्ष सात हजार रुपए दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है, इसलिए सरकार हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए स्वामी आत्मानंद स्कूल खोल रही है। बड़े राजपुर, धनोरा, मर्दापाल जैसे दुरस्थ क्षेत्रों में महाविद्यालय खुल चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल इस क्षेत्र के विकास के लिए स्थानीय ग्रामीणों के साथ भूमि पर बैठते हैं और यहां की संस्कृति के अनुसार दोना पत्तल में भोजन करते हुए विचार विमर्श करते हैं।
कलेक्टर दीपक सोनी ने इस अवसर पर बताया कि जिले में अब तक 57 हजार 523 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं। इसके साथ ही 4492 सामुदायिक वन अधिकार पत्र और 164 सामुदायिक वन संसाधन पत्र भी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि वन अधिकार पत्रधारक 14228 हितग्राहियों को मनरेगा की योजनाओं से भी लाभान्वित किया गया है। नगरीय क्षेत्रों में वन अधिकार पत्र देने की कार्यवाही भी तेजी के साथ की जा रही हैै। देवगुड़ी, मातागुड़ी, घोटूल और मृतक स्मारकों के लिए भी वन अधिकार पत्र दिए जा रहे हैं। जिले में 399 देवगुड़ी और मातागुड़ियों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिनमें 229 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इसके साथ ही बस्तर विकास प्राधिकरण के तहत पिछले चार वर्ष में 27 करोड़ 83 लाख रुपए के 925 कार्य भी स्वीकृत किए गए हैं। इस अवसर पर 11 हितग्राहियों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, चार सामुदायिक वन अधिकार पत्र, 10 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र, अंत्यावसायी वित्त विकास निगम की ओर से एक हितग्राही को ट्रेक्टर ट्रॉली योजना, दो हितग्राहियों को टर्म लोन योजना और एक हितग्राही को आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना से लाभान्वित किया गया। इसके साथ ही कृषि विभाग द्वारा 10 हितग्राहियों को उड़द बीज, उद्यान विभाग द्वारा हितग्राहियों को मसाला खेती अंतर्गत हल्दी अनुदान स्वीकृति पत्र, ऑयल पाम पौधा, ग्राफ्टेड काजू पौधा, फूलगोभी अनुदान पत्र, पॉवर वीडर, गेंदा अनुदान राशि स्वीकृति पत्र, मनरेगा के तहत कुआं, तालाब निर्माण, भूमि समतलीकरण, मेढ़ बंधान, नाडेप निर्माण की स्वीकृति आदेश, वन विभाग द्वारा नीलगिरी पौधा, 2022 के तेंदूपत्ता संग्रहण का प्रोत्साहन पारिश्रमिक एवं आदिवासी सांस्कृतिक दलों को 10-10 हजार रुपए सहायता राशि प्रदान की गई। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं और आदिवासी वर्ग के लोगों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत के अध्यक्ष देवचंद मातलाम, उपाध्यक्ष श्रीमती भगवती पटेल, नगर सहित जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में आदिवासीगण उपस्थित थे।