ये कैसी व्यवस्था जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की शुद्ध पेयजल उपलब्ध नही करा पा रहे
कोण्डागांव । पत्रिका लुक
27 अगस्त को एक ही दिन में उल्टी-दस्त से 03 आदिवासियों तथा 19 दिन पुर्व भी एक अन्य ग्रामीण की मौत हो जाने का मामला सामने आया है। उक्त मामला जिला एवं जनपद पंचायत कोण्डागांव तथा नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र के अंर्तगत आने वाले ग्राम पंचायत तोड़ेम नयापारा का है, जहां शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं होने से 27 अगस्त को एक ही दिन में उल्टी-दस्त से एक महिला सहित 03 आदिवासियों तथा वहीं 19 दिन पुर्व 8 अगस्त को भी एक अन्य ग्रामीण की मौत हो चुकी है। गांव- गांव में बसे ग्रामीणजनों को उनके घरों तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु जल जीवन मिशन योजना के तहत करोड़ो रुपए खर्च किए जा रहे होने के बाद भी यदि गांवों में बसे ग्रामीणजनों की मौतें नदी-नालों के किनारे झरीया खोद कर उसमें एकत्र होने वाले अशुद्ध पानी पीने को मजबुर होना पड़ रहा हो तो शासन की योजना के क्रियान्वयन पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होना लाजीम है। उल्टी दस्त से आदिवासी समाज की पार्वती पति फगनू पोयाम 50 वर्ष, निरघत पिता मंगतू 51 वर्ष, दलसाय पिता कुल्ले 49 वर्ष की 27 अगस्त को एवं तो वहीं 8 अगस्त को सुकलाल यादव पिता बलदेव की उल्टी-दस्त से कुल 04 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, जिससे पुरे गांव में मातम छा गया है और उल्टी-दस्त से अकाल मौतें होने से ग्रामीणजनों में आक्रोश नजर आ रहा है। आक्रोशित ग्रामीणजनों ने प्रेस को बताया कि वे शुद्ध पेयजल नहीं होने के सम्बन्ध शासन-प्रशासन में बैठे जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से समय समय पर हेण्ड पम्प और आवाजाही का साधन बनाने की मांग करते रहे लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिसके परिणामस्वरुप उन्हें अपने गांव के 4 लोगों को खोना पड़ गया है। इस बात की चिंता कौन करता है कि कौन मरता हैं और कौन कैसे जीता है, नेताओ को मात्र चुनाव में अपना वोट बैंक को साधना हैं फिर चाहे मूलभूत सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचे या ना पहुंचे।