नई दिल्ली । पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के नतीजों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस की कोशिश है कि कम से कम तीन राज्यों में विजय हासिल कर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाई जाए जबकि भाजपा के शीर्ष रणनीतिकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का स्पष्ट मानना है कि तीन राज्य यानी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा का दमखम दिखेगा और सरकार बनेगी।
वही शाह कहते हैं कि कांग्रेस विश्वसनीयता के मानकों पर बहुत नीचे है। कर्नाटक में इसी कारण पहले कुछ महीनों में ही जनता त्राहिमाम करने लगी है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तुष्टीकरण कानून व्यवस्था पर हावी होने लगा है। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कल्याणकारी कामकाज के कारण लोगों में भाजपा के लिए विश्वास स्थायी भाव से बना है। तीन राज्यों के नतीजों को शाह लोकसभा चुनाव से अलग मानते हैं और 2018 के चुनावी परिणाम का उदाहरण देते हैं। बातचीत में शाह उस सीएए पर भी साफगोई से बात करते हैं जिसका क्रियान्वयन 2019 से अटका पड़ा है।
शाह अपने मन की पीड़ा बताते हुए कहते हैं कि विभाजन के वक्त ही गांधी जी, नेहरू जी, सरदार पटेल जैसे नेताओं ने वादा किया था कि जो लोग रह गए हैं अगर कभी उन पर उस देश में धार्मिक प्रताड़ना हो तो वो भारत आ सकते हैं। शाह कहते हैं- मैं सौभाग्यशाली हूं कि मोदी जी के नेतृत्व में सीएए बिल को पायलट करने का सौभाग्य मुझे मिला। हम जल्द ही इसको लागू भी करेंगे।