छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने जिला एवं सत्र न्यायालय कोण्डागांव का किया निरीक्षण

मानसिक स्वास्थ्य हेतु जिले की सराहनीय पहलों को पूरे प्रदेश के लिए अनुकरणीय बताया

कोण्डागांव। पत्रिका लुक

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा द्वारा शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायालय कोण्डागांव का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने न्यायालय परिसर के समस्त कक्षों, न्यायालय भवन में संचालित कार्यालय अनुभाग, प्रशासनिक भवन, ग्रंथालय, परिवार न्यायालय, अभिलेखागार, प्राथमिक चिकित्सा क्लीनिक सहित विभिन्न अनुभागों का निरीक्षण किया। न्यायालय के निरीक्षण के दौरान उन्होंने नवीन भवन निर्माण के संबंध में कलेक्टर श्री दीपक सोनी से चर्चा की। जिसमें कलेक्टर ने बताया की वर्तमान स्थिति में नवीन जिला एवं सत्र न्यायालय भवन के लिये भूमि आबंटन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और विधि मंत्रालय में प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। मुख्य न्यायाधीश ने इसके बाद अधिवक्ता संघ कोण्डागांव एवं नारायणपुर के सदस्यों के साथ मुलाकात की और कोण्डागांव में उपभोक्ता फोरम एवं श्रम न्यायालय की स्थापन के संबंध में चर्चा की।युवोदय स्वयंसेवकों की निःस्वार्थ सेवा पर मुख्य न्यायाधीश ने की सराहना
इस दौरान जिले में कार्यरत युवोदय कोण्डानार चैम्प्स के स्वयंसेवकों से मुख्य न्यायाधीश ने मुलाकात की। जिसमें मांझीआठगांव के स्वयंसेवक सुकमन नेताम ने स्वयं की पहल से हितग्राहियों की राशनकार्ड निर्माण में सहयोग देने, ईरागांव की स्वयंसेवक गीतेश्वरी नेगी द्वारा चिढ़ाये जाने के कारण स्कूल छोड़ने वाले बच्चे के पुनः स्कूल जाने में सहायता एवं कोण्डागांव की आरती कुंजाम द्वारा कुपोषित बच्चे को एनआरसी में भर्ती कराकर सहायता के संबंध में जानकारी दी गयी। जिस पर मुख्य न्यायाधीश द्वारा उनके कार्यों की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए सभी स्वयंसेवकों का प्रोत्साहन किया।
कलेक्टर श्री सोनी ने जिले में युवोदय कोण्डानार चेम्प्स के स्वयंसेवी युवाओं द्वारा आमजनों की समस्याओं के निराकरण में किए जा रहे कार्य एवं सहयोग की जानकारी दी। इसके साथ ही जिले में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 के तहत संवेदना कार्यक्रम अंतर्गत अभिनव पहल के रूप में संचालित हॉफवे होम, यूनिसेफ के सहयोग से सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य के लिये संचालित ‘‘आओ बात करें‘‘ कार्यक्रम एवं शिक्षण संस्थाओं में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य हेतु प्रत्येक स्कूल में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति उन्हें जागरूक कर मानसिक समस्याओं से बचाने एवं तनाव प्रबंधन सिखाने हेतु किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया। मुख्य न्यायाधीश श्री सिन्हा ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि मानसिक रूप से कमजोर लोगों की सहायता एवं सहयोग कर उन्हें मुख्य धारा में लाने की पहल सराहनीय है। उन्होंने पूरे प्रदेश के लिए इस व्यवस्था को अनुकरणीय बताया। वहीं युवोदय कोण्डानार चेम्प्स के स्वयंसेवियों द्वारा निस्वार्थ भाव से की जा रही सेवा की भी प्रशंसा की।

मुख्य न्यायाधीश ने की न्यायालय में स्थापित प्राथमिक उपचार केन्द्र की प्रशंसा
मुख्य न्यायाधिपति द्वारा पक्षकारों एवं न्यायालयीन कर्मचारियों के लिये परिवार न्यायालय परिसर में स्थापित प्राथमिक उपचार केंद्र का अवलोकन करते हुए इस पहल की प्रशंसा की। इस अवसर पर मुख्य न्यायाधिपति के साथ रजिस्ट्रार जनरल श्री अरविन्द कुमार वर्मा, एडिशनल रजिस्ट्रार कम पीपीएस श्री एम.बी.एल.एन. सुब्रह्मण्यम, प्रोटोकॉल ऑफिसर श्री आर. एस. नेगी तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री उत्तरा कुमार, कलेक्टर श्री दीपक सोनी, पुलिस अधीक्षक श्री वाय अक्षय कुमार, जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रेम प्रकाश शर्मा सहित अधिवक्तागण एवं न्यायालयीन कर्मचारी उपस्थित रहे।

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