छत्तीसगढ़

अधूरे पड़े प्रधानमंत्री आवास को पूरा करने चक्कर काट रही वृद्ध महिलाएं…


कोण्डागांव। पत्रिका लुक
सरकारे भले ही प्रत्येक छत विहीन परिवारों को पक्की छत मुहैया कराने का दावा कर रही पर जिले के ग्राम कुसमा निवासी पैरालिसिस से पीड़ित बुजुर्ग सुखराम दीवान की आंखें पक्की छत की आस में तरस गई,बुजुर्ग सुखराम दीवान ही नहीं कई और भी ऐसे परिवार है जिनकी यही कहानी है ,सचिव ग्राम पंचायत कुसमा से मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत कुसमा में वर्ष 2019-20 में कुल 16 आवास स्वीकृत हुए थे, जिनमें से चार पांच आवास अभी तक अधूरे हैं।
सुखराम दीवान व उसकी पत्नी सोनाबई दीवान ने दावा किया पति बीते कई सालों से पैरालिसिस से पीड़ित है, चल फिर नहीं सकते ,पंचायत वाले आवास मिला है तुम नहीं बना सकते घर हम बना कर देंगे बोले ,पंचायत वालो के बोलने पर हमने घर बनाने के लिए ठेके पर दिए,और बैंक से निकालकर पैसा देते गए,लगभग चार साल पहले से घर बनना चालू हुआ है,अभी तक पूरा नहीं हुआ है,पहले मुझे बिठाकर बैंक ले जाते थे और पैसा निकाल कर उनको दे देता था, लेकिन अभी तक घर बनकर पूरा नहीं हुआ। घर के सामने खड़े कर कर मुझे अलग-अलग हिस्से से फोटो लेते थे,अब लग रहा जीते जी घर नहीं बनेगा ,अब गाव वाले हमको बोल रहे तुम्हारी वजह से हमको घर नहीं मिल रहा ,गांव के कुछ अन्य लोगों को उसी समय सरकारी घर मिला था,सभी का घर अभी तक आधा अधूरा है। हम सरपंच सचिव को बोलकर थक गए,हमने अधिकारियों को भी शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है, अब हमने तो घर बनने का उम्मीद ही छोड़ दिया,शांति बाई,रत्तू पांडे आदि की यही कहानी है। आशा देवी पोयाम सचिव ग्राम पंचायत कुसमा ने बताया जिन हितग्राहियों का आवास अधूरा है,हितग्राही उपसरपंच को ठेका में देने की बात कह रहे। संतु राम कोराम,सरपंच ग्राम पंचायत कुसमा। उपसरपंच जगेंद्र बना रहा ,कुछ आवास अधूरे है,उन आवासों को बनाकर देने की बात बोल रहा।

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