प्रदेश में वर्तमान में 41.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता
2027 तक इसे बढ़ाकर 53 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य
प्रदेश में वर्तमान में जल-संसाधन विभाग के अंतर्गत 41 लाख 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता निर्मित की जा चुकी है। विभाग द्वारा दिसम्बर-2024 तक 43 लाख हेक्टेयर, दिसम्बर-2025 तक 46 लाख हेक्टेयर और दिसम्बर-2027 तक 53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता बढ़ाये जाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। जल-संसाधन विभाग के अंतर्गत वर्तमान में 40 वृहद, 63 मध्यम और 375 लघु परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं, जिनकी कुल सिंचाई क्षमता 30 लाख हेक्टेयर है। वर्तमान स्थिति में 11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आंशिक सिंचाई सुविधा विकसित की जा चुकी है। इन योजनाओं के पूर्ण होने पर 19 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का विकास होगा। प्रदेश में पानी के अधिकतम उपयोग के लिये सूक्ष्म दाब सिंचाई पद्धति को बढ़ावा देने के लिये 40 वृहद और 53 मध्यम परियोजनाओं में दबावयुक्त पाइप सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का उपयोग करते हुए निर्माण किया जा रहा है। जल-संसाधन विभाग के कुशल प्रबंधन से प्रदेश में निर्मित सिंचाई क्षमता का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। जल-संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 में खरीफ फसल के लिये 3 लाख हेक्टेयर, ग्रीष्मकालीन फसल के लिये 83 हजार हेक्टेयर एवं रबी फसल के लिये निर्धारित लक्ष्य का 34.17 लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश में हर खेत को पानी उपलब्ध कराने के संकल्प को विभाग द्वारा पूरा किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।