भगोड़े जाकिर नाईक ने फिर उगला जहर, पाकिस्तान में मंदिर तोड़े जाने पर कही यह बात
नयी दिल्ली : भगोड़े जाकिर नाईक (Zakir Naik) ने एक बार फिर जहर उगला है. नाईक ने पाकिस्तान (Pakistan) में मंदिर (Temple) तोड़े जाने की घटना का समर्थन किया है और उसे सही बताया है. खैबर पख्तूनख्वा में मंदिर तोड़े जाने की घटना पर नाईक ने कहा है कि इस्लामिक देशों (Islamic Countries) में मंदिर होने ही नहीं चाहिए और अगर इन देशों में मंदिर हैं तो उन्हें तोड़ दिया जाना चाहिए. जाकिर नाईक का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और इसकी कड़ी आलोचना भी हो रही है.
मंदिर और मूर्ति पूजा पर जाकिर नाईक ने कहा कि इस्माल में मूर्ति बनाना पूरी तरह से वर्जित है. चाहे पेंटिंग या ड्रॉइंग ही क्यों न हो. इस्लाम में किसी जीवित इंसान, पशु, पक्षी या किड़ों की भी मूर्ति या पेंटिंग बनाना वर्जित है. नाईक ने कहा कि हमारे धर्मग्रंथों में इसके सबूत भी है. मूर्ति बनाना या उसकी पूजा करना सख्त मना है. ऐसे में इस्लामिक देशों में मंदिरों का क्या काम है.
नाईक ने कहा कि जब पैगंबर मोहम्मद काबा में लौटे तो उन्होंने लगभग 360 मूर्तियों को तोड़ दिया. उस समय मोहम्मद साहब ने भी कहा था कि इस्लामिक देशों में कोई भी मूर्ति नहीं होनी चाहिए. और अगर है भी तो उसे तोड़ दिया जाना चाहिए. जाकिर नाईक ने पिछले साल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की इस बात के लिए जमकर आलोचना की थी कि उन्होंने इस्लामाबाद में एक कृष्ण मंदिर के निर्माण को मंजूरी दी थी. नाइक ने कहा था कि ऐसा कर इमरान खान ने पाप किया है.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी के सदस्यों ने एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की. इस घटना में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस ने रातभर छापेमारी की और अब तक 55 लोगों को गिरफ्तार किया है. खैबर पख्तूनख्वा में करक जिले के टेरी गांव में कुछ लोगों ने बुधवार को एक मंदिर में तोड़फोड़ की और आग लगा दी थी. इस घटना के सिलसिले में दर्ज की गई प्राथमिकी में 350 से अधिक लोगों के नाम हैं.
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के नेताओं ने मंदिर पर हमले की कड़ी निंदा की है. भारत ने भी मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को लेकर पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया और इस घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की है. खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री महमूद खान ने आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार जितनी जल्दी संभव हो सकेगा, क्षतिग्रस्त मंदिर और समाधि का पुनर्निर्माण करायेगी.