छत्तीसगढ़

बाईपास सड़क के स्तरहीन निर्माण का लग रहा आरोप, प्लांट के बगैर चल रहा जीएसबी कार्य…..


कोण्डागांव। पत्रिका लुक
कोण्डागांव नगर के अंदर से होकर गुजरने वाली हाईवे पर भारी वाहनों का दबाव रोकने लगभग 60.91लाख की लागत से बाईपास सड़क का निर्माण चल रहा। जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण बाईपास सड़क निर्माण की शुरुआत में ही गुणवत्ताहिन निर्माण का निर्माण एजेंसी पर आरोप लग रहा। वहीं विभागीय सब इंजीनियर निर्माण कार्य से संतुष्टि जाहिर करते गुणवत्तापूर्ण निर्माण होने का दावा कर रहे।
बाईपास सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार पर मिक्स प्लांट की मिश्रित गिट्टी का सड़क बनाने में उपयोग नहीं करने का स्थानीय लोग आरोप लगा रहे। सड़क में बनाए जा रहे नाली व पुल में कुछ जगहों पर गिट्टियां ही गिट्टियां नजर आने सहित उन जगहों पर सीमेंट की लेप चढ़ाकर लीपा पोती करने का भी निर्माण एजेंसी पर आरोप है। विभागीय इंजीनियर के मुताबिक कोण्डागांव बाईपास 8.89 मीटर लंबाई की सड़क का 60.91 लाख से निर्माण हो रहा है।12 मीटर चौड़ाई की सड़क में 10 मीटर बीटी का कार्य होना है जिसमें मेटल जीएसबी, डब्लयू एम एम, डीबीएम , बीटी रहेगा। निर्माण में हाट मिक्स प्लांट की मिश्रित गिट्टी का उपयोग व गुणवत्ता पर गुलशन ठाकुर ,सब इंजीनियर लोक निर्माण कोंडागांव ने बताया कि सड़क में फिलहाल मेटल जीएसबी का कार्य चल रहा है,जिसमे प्लांट की जीएसबी अनिवार्य नहीं । अप्रैल तक सड़क का निर्माण पूर्ण करने की समयावधि रही उसमें विलंब हो रहा, सड़क में गुणवत्ता कार्य में उन्नीस बिस होता ही हैं।
सड़क निर्माण के जानकारों की राय
जानकारो की माने तो प्लांट की जीएसबी (मिश्रित गिट्टी) का सड़क निर्माण में उपयोग करना अनिवार्य है। सड़क निर्माण के लिए डब्ल्यूबीएम प्लांट की जीएसबी का उपयोग नहीं होने से सड़क की गुडवत्ता प्रभावित होगी जो समय से पहले ही दम तोड़ने लगेगी।
गुलशन ठाकुर सब इंजीनियर लोक निर्माण कोंडागांव की माने तो जब विभागीय अधिकारी ही निर्माण पर गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा की उन्नीस बिस निर्माण चल रहा है । ऐसे लगता हैं कि विभाग के संरक्षण में ही गुणवत्ताहीन निर्माण को अंजाम दिया जा रहा हैं । कहि केशकाल घाट की तरह ना हो जाए बाईपास सड़क निर्माण। बरहाल देखना होगा विभागीय उच्च अधिकारियों द्वारा समय रहते गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय मे बाईपास को फिर से सर्जरी ना करनी पड़ी।

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