खेल का मैदान, करंट ने ली जान; तालियों की जगह मातम…

दुःखद घटना
कोण्डागांव /केशकाल। पत्रिका लुक (नरेंद्र सेठिया)
रावसवाही गांव का खेल मैदान खेल में जीत का जश्न मनाने से पहले ही मातम में पसर गया।रात्रिकालीन कबड्डी प्रतियोगिता के दौरान शनिवार रात को यह दर्दनाक हादसा हुआ। अचानक हुए इस हादसे में लोगो मे चीख पुकार मच गई। यह प्रतियोगिता अब ग्रामीणों के लिए कभी न भूल पाने वाली त्रासदी बन गई।
शनिवार रात को मैच का उत्साह दर्शको में चरम पर था, अचानक मौसम ने करवट बदली। तेज हवा के झोंकों ने टेंट को हिलाना शुरू किया और तभी लोहे के पाइप ऊपर से गुजर रहे 11 केवी हाई वोल्टेज बिजली तार से टकरा कर लटक गया। एक पल में ही पूरा टेंट करंट की जद में आ गया।
गांव वालों ने बताया कि तेज आवाज और करंट की चमक ने पलभर के लिए मैदान को भयावह बना दिया। चीख-पुकार मच गई, लोग भागने लगे, लेकिन छह लोग करंट की चपेट में आ चुके थे।
स्थानीय ग्रामीणों ने किसी तरह घायलों को उठाकर विश्रामपुरी अस्पताल पहुंचाया। खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. भारती ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पूर्व ही तीन लोगों को मौत हो चुकी थी , जबकि शेष तीन का इलाज किया गया। इनमें से दो की हालत गंभीर होने पर उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया है।
गांव में पसरा मातम
रावसवाही में रविवार सुबह किसी घर में चूल्हा नहीं जला। गांव के हर कोने से सिर्फ मातम की आवाजें गूंज रही थीं। मृतकों के परिजन शव से लिपटकर रोते-बिलखते रहे। लोगों का कहना है कि उन्होंने ऐसा दिल दहला देने वाला मंजर पहले कभी नहीं देखा।
हादसे के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं –
आखिर बिजली तार के नीचे टेंट क्यों लगाया गया? सुरक्षा का ध्यान क्यों नहीं रखा था? क्या थोड़ी सतर्कता से ये जानें बचाई जा सकती थीं? अगर आयोजन स्थल की ठीक से जांच हुई होती, तो शायद यह हादसा नहीं होता।
बड़ी सीख – सुरक्षा सर्वोपरि
यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि चेतावनी है कि खेल या सांस्कृतिक आयोजनों में सुरक्षा से कभी समझौता नहीं होना चाहिए। टेंट लगाने से लेकर बिजली कनेक्शन तक हर छोटी-बड़ी व्यवस्था का निरीक्षण जरूरी है। थोड़ी सी लापरवाही कई परिवारों को जिंदगी भर का ग़म दे सकती है।