ग्वालियर। खेतों में फसलों के लहलहाने पर माघ माह की शुस्र्आत में लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार खासतौर से पंजाबी समाज के लोग धूमधाम से मनाते हैं। गुस्र्वार को लोहड़ी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। शुक्रवार को मकर संक्रांति का का त्योहार भी धूमधाम से मनाया जाएगा।ज्योतिषाचार्य डा.हुकुमचंद जैन का कहना है कि 2021 का प्रथम भारतीय त्योहार लोहड़ी 13, बुधवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। वहीं 14 जनवरी को हंसी-खुशी मकर संक्रांति मनाई जाएगी।लोहाडी पर्व पौष माह के अंत और माघ की शुरुआत में मनाया जाता है। यह त्योहार को खेतों में फसलों के लहलहानें की खुशी में भी मनाया जाता है। पहले यह पर्व पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में ही प्रमुखता से मनाया जाता था। मगर अब यह पर्व मध्य प्रदेश के साथ ही देश के अन्य हिस्सों में भी मनाया जाने लगा है।
लोहड़ी व मकर संक्रांति के अवसर पर बहिन-बेटियों को बुलाते हैं, घर में भजन गाए जाते हैं। रेवड़ी, गजक, मूंगफली, गन्ना बांटते व खिलाते हैं व उसे लोहड़ी के अवसर पर अग्नि को भी चढ़ाते हैं। इस दौरान अग्नि के चारोंओर परिक्रमा करके सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।जैन ने बताया कि मकर संक्रांति पर इस बार सूर्य सुबह 8:13 बजे धनु राशि से मकर राशि मे संक्रमण (प्रवेश) कर रहा है। इस वजह से स्नान काल का पर्व 8:13 बजे से पूरे दिन रहेगा। इस पर्व काल में पवित्र नदियों एवं जलाशयों के साथ ही अपने घर में तिल युक्त जल से स्नान व दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति से दिन बड़े होना शुरू हो जाते हैं, व रातें छोटी होने लगती हैं। सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण गति करेंगे। यह ऋतु परिवर्तन हर्षोल्लास का समय होता है। यूं तो इस समय से विवाह, देव प्रतिष्ठा, गृह प्रवेश समेत अन्य सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। परंतु इस साल गुरु व शुक्र तारा अस्त होने की वजह से 18 अप्रैल के बाद ही शुभ कार्यों के शास्त्रानुसार मुहुर्त रहेंगे।