नई दिल्ली। हुआवे और जेडटीई जैसी चीन की बड़ी टेलीकॉम उपकरण निर्माता कंपनियों को दौड़ से बाहर करने के लिए भारत सरकार नए एक्शन प्लान पर काम कर रही है। इसके लिए सरकार ने ‘नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव ऑन टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर’ के क्रियान्वयन की दिशा में कदम बढ़ाया है।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि साइबर एवं टेलीकॉम सिक्योरिटी के मामले में देश के हितों की रक्षा के लिए अहम मंत्रालयों के नोडल अधिकारियों की गुरुवार को बैठक बुलाई गई। इस बैठक में टेलीकॉम मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय और डीआरडीओ के प्रमुख अधिकारियों तथा साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटरिएट ने यह बैठक बुलाई थी। सिक्योरिटी एक्शन प्लान के तहत टेलीकॉम उपकरणों और उनके आपूर्तिकर्ताओं को भरोसेमंद और गैर भरोसेमंद में वर्गीकृत किया जाएगा।
कमेटी की ओर से गैर भरोसेमंद श्रेणी में रखी गई कंपनियों को भारतीय टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों के साथ कारोबार की अनुमति नहीं होगी। इस एक्शन प्लान के लागू होने के बाद दुनियाभर में सवालों का सामना कर रही चीनी कंपनियों हुआवे और जेडटीई के लिए भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के साथ कारोबार करना मुश्किल हो सकता है। इन दोनों कंपनियों पर चीन की सरकार के लिए जासूसी करने का आरोप लगता रहा है। चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के माहौल में देश की सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियां इस एक्शन प्लान का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं।