वो भारत की पहली महिला वकील थीं. उन्होंने पर्दा प्रथा झेलती और मर्दों के अत्याचार का सामना करती कई औरतों को इंसाफ़ दिलाने में मदद की. वो भी बिना किसी सरकारी मदद के. लगभग अकेले लड़ाई लड़कर और कई दफ़ा अपनी जान जोख़िम में डालकर.उन पर कई जानलेवा हमले हुए लेकिन हर बार वो बच निकलीं और अपने लक्ष्य पर डटी रहीं.उन्हें भारत और ब्रिटेन में महिलाओं को क़ानूनी क्षेत्र में उतारने और वकालत की इजाज़त दिलवाने का श्रेय जाता है. उनका नाम है- कोर्नेलिया सोराबजी.