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वृद्घावस्था में साथ निभाता भिलाई नायर समाज, बुजुर्गों की कर रहा आर्थिक मदद

वृद्घावस्था में साथ निभाता भिलाई नायर समाज, बुजुर्गों की कर रहा आर्थिक मदद
भिलाई नायर समाज ने सेवा की एक ऐसी मिसाल कायम की है, जो सभी के अनुकरणीय है। समाज के लोग वृद्घावस्था में शासन की तरफ से मिलने वाली आर्थिक मदद से बेहतर मदद करते हैं।

भिलाई। भिलाई नायर समाज ने सेवा की एक ऐसी मिसाल कायम की है, जो सभी के अनुकरणीय है। समाज के लोग वृद्घावस्था में शासन की तरफ से मिलने वाली आर्थिक मदद से बेहतर मदद करते हैं। 65 साल की आयु पूर्ण कर चुके समाज के करीब एक हजार बुजुर्गों को हर तिमाही में 1100 रुपये दिया जाता है।
वहीं कैंसर, किडनी, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी होने पर तत्काल 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। वहीं जो बुजुर्ग अब अकेले हैं, उनके अस्पताल में भर्ती होने पर समाज की तरफ से अटेंडर की व्यवस्था की जाती है।
जहां एक ओर सरकार से दिए जाने वाले पेंशन के लिए बुजुर्गों को दर-दर की ठोकरें खाने पड़ती है और लाइन लगाकर खड़ा होना पड़ता है।
उसके बाद कहीं जाकर तीन सौ रुपये की पेंशन हाथ लगती है। ऐसे में भिलाई नायर समाज द्वारा अपने समाज के वृद्घजनों का सम्मान करते हुए हर तिमाही उनके खातों में 1100 रुपये जमा कर दिए जाते हैं। इसके लिए बुजुर्गों को न कहीं जाना पड़ता है और न ही किसी से कुुछ बोलना पड़ता है। समाज द्वारा ऐसी व्यवस्था बना दी गई है कि 65 वर्ष से अधिक बुजुर्गों के खाते में सीधे राशि पहुंच जाती है।
इस राशि के पहुंचने के बाद बुजुर्गों के चेहरे खिल उठते हैं। भिलाई नायर समाज इस कार्य को पिछले आठ वर्षों से कर रहा है। समाज द्वारा इसके लिए न किसी से चंदा मांगने जाता है न ही सरकार से कोई अनुदान लिया जाता है। इस सेवाभावी कार्य के लिए समाज के संपन्ना लोग ही अपनी इच्छा से आर्थिक सहयोग करते हैं। सबसे खास बात यह है कि इस कार्य के लिए राशि देने वाले कभी भी अपना नाम तक सार्वजनिक नहीं होते देते हैं।
गंभीर बीमारी होने पर अलग से व्यवस्था
भिलाई नायर समाज द्वारा समाज के किसी भी व्यक्ति को कैंसर, किडनी संबंधित बीमारी या फिर हार्ट अटैक होने की स्थिति में तत्काल 50 रुपये की मदद की जाती है। इसी तरह से तीन लाख से कम वार्षिक आय वाले व्यक्ति के अस्पताल में भर्ती होने पर 25 हजार रुपये तुरंत दिए जाते हैं।
वहीं बुजुर्ग दंपती में से कोई भी एक अस्पताल में भर्ती होने पर उसकी देखरेख के लिए एक अटेंडेंट (सहायक) समाज की ओर से दिया जाता है। जिसका पूरा खर्च भिलाई नयार समाज उठाता है। इसके लिए किसी तरह की समयावधि नहीं होती है।
भिलाई से बाहर केरल या अन्य स्थानों पर गए बुजुर्गों को भी मदद
भिलाई नायर समाज द्वारा यहां पर रहने के बाद बाहर केरल या अन्य किसी प्रदेश में जाकर रहने वाले बुजुर्गों को भी यह सहायता की जाती है। जो लोग पूर्व में भी भिलाई में रहते थे और अभी कहीं और जाकर रह रहे हैं। उनके खाते में हर तीन महीने में आर्थिक मदद की निर्धारित राशि भेज दी जाती है। इस कार्य की सबसे खास बात ये है कि समाज कभी भी इसका हिसाब नहीं करता है कि किस बुजुर्ग को कितनी राशि दी गई है। मदद के तौर पर दी जाने वाली ये राशि की वापस मांग भी नहीं होती है।
आज हम लोग जो कुछ भी है हमारे बुजुर्गों की देन हैं। इसलिए समाज द्वारा बुजुर्गों को पूरी मदद करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। इसी कड़ी में सामाजिक ताने-बाने के बीच हमने यह व्यवस्था कर रखी है।

Patrika Look

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