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महंगी कार से उतरे सफेद दाढ़ी, सफेद कपड़े पहने व्यक्ति ने कहा मुझे किसी परमिशन की आवश्कता नहीं, तुम्हे कितना पैसे चाहिए

कोण्डागांव . लगातार जिले में अवैध गौण खनिज का उत्खनन व परिवहन का कारोबार जिले में फलफूल रहा हैं । वही खनिज विभाग सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति करती दिखाई देती नजर आता हैं। ऐसे में अवैध खनन माफिया का राज जिले में कायम होने लगा हैं शायद। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक के लोग खनिज विभाग को फोन कर अवैध खनन के बारे में जानकारी देते हैं पर विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होते देख खामोश हो जाते हैं। ऐसा में मीडिया ही उन ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोगों की उमीद की किरण नजर आता हैं और कार्रवाई व खबर प्रकाशित करने के लिए मीडिया कर्मी को अवैध उत्खनन के बारे में बता देते हैं। ऐसे में जब मीडिया कर्मी अवैध खनिज का उत्खनन वाले स्थान पर पहुचता हैं तो ठेकेदार द्वारा राजनेताओं से संबन्ध होने की बात करते हैं या मीडिया कर्मी को धमकी दी जाती है। ऐसा ही एक मामला कोंडागांव जिला मुख्यालय का सामने आया हैं आपको बतादें कि

अवैध उत्खनन

जिले में ठेकदारों को खनिज उत्खनन से लेकर डामर मिक्सर प्लांट लगाने तक के लिए भी अनुमति लेने की अवश्यकता नहीं हैं। उक्त मामला तब सामने आया जब जिला मुख्यालय कोण्डागांव से 10 किमी दूर रा.रा.30 के किनारे स्थित जैतपुरी में जंगल के किनारे एक आदिवासी किसान मेहतर मरकाम के खेत सहित नजूल जमीन की साफ-सफाई बडे जोर शोोर से जेसीबी एवं ट्रेक्टर के माध्यम से किया जाता नजर आया। कुछ प्रेस प्रतिनिधियों का ध्यान उक्त कार्य की ओर आकर्शित हुआ और जब वे मौके पर पहुंच कर काम कर रहे लोगों से पूछने लगे तो कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं हुआ, तभी एक महंगी कार वहां पहुंची और कार से सफेद दाढ़ी व सफेद शर्ट और काली पैंट पहने एक व्यक्ति उतरा जिसने बताया कि मैं ठेकेदार एस एस द्विवेदी हूं और वह इस जगह पर डामर मिक्सर प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है, प्रेस प्रतिनिधियों के उक्त ठेकेदार से यह पूछने पर कि क्या उन्होंने यहां डामर मिक्सर प्लांट लगाने की अनुमति नियमानुसार ले ली है तो उसने कहा कि उन्हें अनुमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं है, कलेक्टर के द्वारा उन्हें अपने ठेका लिए कार्यों को समय सीमा में पूरा करने हेतु निर्देशित किया है, इसलिए वे जल्द से जल्द डामर मिक्सर प्लांट लगाकर अपने कार्य को पूरा करने का प्रयास करने में लगे हैं। जब प्रेस प्रतिनिधियों ने कहा कि डामर मिक्सर प्लांट लगाने हेतु नियमानुसार अनुमति की आवष्यकता होती है, यदि अनुमति लिए बगैर उक्त कार्य किया जा रहा है तो यह अवैध हुआ। जिस पर ठेकेदार न केवल नाराज हुआ बल्कि प्रेस प्रतिनिधियों पर ही आरोप लगाने लगा कि वे लोग पैसा वसूली के लिए यहां वहां घूमते हैं और ठेकेदारों के काम में रुकावट डालते हैं। यही नहीं विडीयो बना रहे एक प्रेस प्रतिनिधि के मोबाईल को छीनने का प्रयास करते हुए ठेकेदार स्वयं झपट भी पड़ा।

एस एस द्विवेदी ठेकेदार

राजस्व अधिकारियों को पता नहीं बन रहा है डामर प्रतिनिधि प्लांट
डामर जाति प्लांट लगाने की अनुमति ठेकेदार द्वारा ली गई है या नहीं के सम्बन्ध में एस.डी.एम. फरसगांव डीआरठाकुर और तहसीलदार फरसगांव हार्दिक श्रीवास्तव से पूछने पर दोनों अधिकारियों ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है। वहीं वन विभाग के एस.डी.ओ.एफ. महेंद्र यदु से यह पूछे जाने पर कि जंगल से सटे मैदान पर डामर प्रतिनिधि प्लांट लगाया जा रहा है, क्या वन विभाग से अनापत्ति मांगा गया है, तो उन्होंने बताया कि उनके कार्यालय में अनापत्ति के लिए कोई पत्र नहीं मिला है। हल्का पटवारी तक को मालूम नहीं कि जयपुरी में डामर प्रतिनिधि प्लांट लगाया जा रहा है। वहीं जागरूकुक ग्रामीणों से ज्ञात हुआ है कि ग्राम पंचायत जैपुरी द्वारा डामर वक्ताओं प्लांट लगाए जाने के लिए अनापत्ति दे दी गई है। वहीं कानूनी जानकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार आदिवासी हो या अवैध आदिवासी की कृषि भूमि पर सिधे डामर जाति प्लांट नहीं लगाया जा सकता है,, क्योंकि किसानों को कृषि भूमि का नुकसान खेती-बाडी करने के लिए दी जाती है। यदि ऐसे चौथे की जमीन में किसान को खेती के अतिरिक्त अन्य कुछ काम करना हो तो इसके लिए पहले विधिवत संबंधित विभागों से अनापत्ति लेनी होती है, साथ ही जमीन का व्यपवर्तन तक करना पड़ता है। ऐसे में रा.रा .30 के किनारे ग्राम जैपुरी जैसे स्थान में बिना अनापत्ति के लिए और आवश्यक नियमों का पालन किया बगैर डामर वक्ताओं प्लांट लगाने की जोर-शोर से तैयारी करना हैरानी में डालने वाला होने सहित यह सिद्ध करने के लिए काफी है, आदि। कोण्डागांव जिले में कानून कायदा केवल आम परिवारों के लिए है। अन्य वी.आर.आई. के श्रेणी के अंतर्गत आने वाले लोगों को पूरी तरह से छूट है कि वे जहां से चाहते हैं मुरुम, रेत आदि खनिज संपदा का दोहन कर सकते हैं और डामर वक्ताओं प्लांट लगा सकते हैं। 30 के किनारे ग्राम जैपुरी जैसे स्थान में बिना अनापत्ति के लिए और आवश्यक नियमों का पालन किए बगैर डामर नियोक्ता प्लांट लगाने की जोर-शोर से तैयारी करना हैरानी में डालने वाला होने सहित यह सिद्ध करने के लिए काफी है, कि कोण्डाणा जिले में कानून कायदा ही। आमजनों के लिए है। अन्य वी.आर.आई. के श्रेणी के अंतर्गत आने वाले लोगों को पूरी तरह से छूट है कि वे जहां से चाहते हैं मुरुम, रेत आदि खनिज संपदा का दोहन कर सकते हैं और डामर वक्ताओं प्लांट लगा सकते हैं। 30 के किनारे ग्राम जैपुरी जैसे स्थान में बिना अनापत्ति के और आवश्यक नियमों का पालन किए बगैर डामर नियोक्ता प्लांट लगाने की जोर-शोर से तैयारी करना हैरानी में डालने वाला होने सहित यह सिद्ध करने के लिए काफी है, कि कोण्डाणा जिले का कानून कायदा केवल आमजनों के लिए है। अन्य वी.आर.आई. के श्रेणी के अंतर्गत आने वाले लोगों को पूरी तरह से छूट है कि वे जहां से चाहते हैं मुरुम, रेत आदि खनिज संपदा का दोहन कर सकते हैं और डामर वक्ताओं प्लांट लगा सकते हैं।

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