छत्तीसगढ़

शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज ने सूर्य सप्तमी पर की सूर्यदेव को पूजा

रायपुर।  हिंदू संवत्सर के माघ शुक्ल सप्तमी तिथि पर शुक्रवार को सूर्य सप्तमी श्रद्धा उल्लास से मनाई गई। सत्ती बाजार स्थित अम्बा देवी मंदिर परिसर में शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज ट्रस्ट के नेतृत्व में सुबह आठ बजे से हवन किया गया। पंडित गोपाल महाराज के सानिध्य में चार घंटे तक पूजा करके हवन में 12 बजे पूर्णाहुति दी गई।

ट्रस्टी सचिव राकेश शर्मा एवं मंदिर प्रभारी रघुनाथ शर्मा ने बताया कि शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज के इष्टदेव भगवान सूर्य हैं। शास्त्रीय परंपरा के अनुसार उनका जन्मोत्सव माघ शुक्ल सप्तमी को मनाया जाता है। मंदिर परिसर में हवन, महा आरती के बाद सामाजिक प्रसादी का आयोजन किया गया।

कोरोना के चलते सादगी से हुआ कार्यक्रम

यह उत्सव हर साल धूमधाम से मनाया जाता रहा है। इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम होते थे। मगर, इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए सादगी से पूजा, हवन, आरती संपन्न हुई। सुबह भगवान सूर्यदेव की विशेष पूजा अनुष्ठान कर ध्वजा फहराई गई। इसके बाद विद्वान आचार्य के सानिध्य में विधि-विधान से श्रीगणेश पूजन, सूर्य पूजन, 10 छत्रपाल देवता, भैरव देवता, नौग्रह देवता, 16 मातृका पूजन, वास्तु देवता पूजन सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा की गई।यश, मान-सम्मान देने वाले सूर्यदेव

अंबा देवी मंदिर के पुजारी पं. पुरुषोत्तम शर्मा के अनुसार भगवान सूर्यदेव की प्रतिदिन आराधना करने और जल का अर्घ्य देने से सूर्यदेव प्रसन्न होते है। उनकी पूजा से यश, मान-सम्मान मिलता है।

शाम्ब का कुष्ठ रोग दूर होने की मान्यता

शास्त्रीय मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र शाम्ब को कुष्ठ रोग हो गया था। तब शाकद्वीप के ब्राह्मण आए और उन्होंने भगवान सूर्यदेव का अनुष्ठान करवाया। इससे सूर्यदेव की कृपा से राजा का कुष्ठ रोग ठीक हुआ।

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