रायपुर। नशे के आदी हो चुके पुलिस वालों की लत छुड़ाने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने अनोखी पहल शुरू की है। इसे ‘नई सुबह’ नाम दिया गया है। मंगलवार को अमलेश्वर स्थित तीसरी बटालियन में डीजीपी ने 15 दिन के विशेष कैंप की शुरुआत की। इसमें विभिन्न तरह के नशे के आदी हो चुके प्रदेशभर के 30 जवान शामिल किए गए हैं। कैंप में उनकी काउंसिलिंग की जाएगी। साथ ही योगा, मेडिटेशन, म्यूजिक थैरेपी आदि के जरिये व्यसनों से दूर करने की कोशिश होगी। इस अवसर पर डीजीपी ने व्यसन मुक्ति के लिए नई सुबह कार्यक्रम की वेबसाइट की भी शुरुआत की। ‘नई सुबह’ की शुरुआत करते हुए डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा कि आप दूसरों की जान के लिए अपनी जान की परवाह भी नहीं करते हैं। चाहे नक्सल मोर्चा हो या नागरिकों की सुरक्षा, हर जगह मुस्तैदी से जान की बाजी लगाकर अपनी ड्यूटी करते हैं। पुलिस बल में कर्तव्यपथ पर जान चली जाए तो यह हमारे जवानों के पराक्रम की निशानी है, लेकिन व्यसन से एक भी जवान की जान नहीं जानी चाहिए। हमारे प्रत्येक जवान का जीवन बेहद कीमती है। अवस्थी ने कहा कि आपकी बहादुरी की तरह इच्छाशक्ति भी मजबूत होनी चाहिए। दृढ़ इच्छाशक्ति के जरिये ही व्यसनों से दूरी बनाई जा सकती है। आप अपने बच्चों और परिवार के बारे में भी ख्याल करिए। आपके बिना उनका जीवन अधूरा है। आप अपने परिवार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और बेशकीमती हैं। तीसरी बटालियन के कमांडेंट प्रखर पांडे ने कहा कि जैसे अन्य बीमारियों का इलाज है वैसे ही व्यसन का भी इलाज है। इससे आपका स्वास्थ्य और परिवार प्रभावित होता है। इस कैंप के माध्यम से आप अपने जीवन को और भी अनुशासित कर पाएंगे। कार्यक्रम में तीसरी बटालियन अमलेश्वर के कमांडेंट पांडे, चौथी बटालियन माना के कमांडेंट आशुतोष सिंह, सातवीं बटालियन के कमांडेंट विजय अग्रवाल उपस्थित रहे।