नई दिल्ली,अक्सर लोग वज़न घटाने के लिए वर्कआउट के अलावा डाइटिंग का सहारा भी लेते हैं। चाहे आप इंटरमिटेंट डाइटिंग पर हो या फिर कम कार्ब्ज़ वाली डाइट पर, कैलोरी को एक निश्चित स्तर तक सीमित करना या कार्ब और वसा का सेवन कम करने से लंबे समय में आपके स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
डाइटिंग करने के हो सकते हैं ये साइड-इफेक्ट्स
1. थकान
कम खाना खाने से आपके शरीर की ऊर्जा जलाने की क्षमता ख़त्म हो जाएगी, जिससे थकान हो सकती है।
2. मूड स्विंग्ज़
जब हम डाइट पर जाते हैं, तो हम ऐसे स्नैक्स या खाने की चीज़ों से दूर रहते हैं, जो हमें खुश और संतुष्ट करते हैं। इसलिए डाइटिंग करने से मूड स्विंग्ज़ की समस्या हो सकती है।
3. मसल मास की कमी
कई रिसर्च में ये देखने को मिला है कि ज़्यादा डाइटिंग की वजह से असल में, वज़न बढ़ सकता है और मसल मास में कमी आ सकती है।
4. ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी
आमतौर पर जब आप परहेज़ कर रहे होते हैं, तो खाने में कार्ब्स, वसा और कैलोरी का सेवन कम करना होता है। जिसकी वजह से खाने के साथ मिलने वाले फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स जैसे ज़रूरी पोषक तत्वों के भी शरीर में कमी हो जाती है।
5. ईटिंग डिसऑर्डर होने का जोखिम
डाइटिंग वज़न घटाने के लिए शुरू की जाती है, लेकिन इसकी वजह से कई बार ईटिंग डिसऑर्डर की दिक्कत शुरू हो जाती है।
6. कब्ज़
जब आप डाइटिंग शुरू करने की सोचते हैं, तो ये इसका असर आपके पाचन पर भी पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि डाइटिंग करते वक्त आप फाइबर युक्त खाना कम खाते हैं, जिसकी कमी से कब्ज़ होने का ख़तरा रहता है।
7. बाल झड़ना
डर्मेटोलॉजी प्रैक्टिकल एंड जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, उचित पोषण की कमी आपके बालों के रोम को कमज़ोर करती है और बालों के अधिक उत्पादन को भी रोकती है।
8. मासिक धर्म चक्र पर भी पड़ता है प्रभाव
डाइट में बदलाव और वज़न घटना मासिक धर्म चक्र में उतार-चढ़ाव का कारण हो सकता है। इसलिए डाइटिंग करने से पहले आहार विशेषज्ञ से परामर्श करना हमेशा उचित होता है, जो आपका सही मार्गदर्शन कर सकता है।