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गौठान के विकास और रखरखाव के लिए राशि का प्रबंध एवं व्यय का मामला सदन में उठा

विधानसभा

0-भाजपा सदस्यों ने कृषि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर किया वॉकआउट

रायपुर। बजट सत्र के पांचवें दिन छत्तीसगढ़ विधानसभा में भाजपा सदस्यों ने राज्य सरकार की गौठान और गौधन योजना के विकास और रखरखाव के लिए राशि के प्रबंध एवं व्यय का मुद्दा जोरशोर से उठाया। इस मुद्दे पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे द्वारा दिये उत्तर से असंतुष्ट होकर भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन भी किया।
प्रश्रकाल में आज भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने यह मामला उठाते हुए कृषि मंत्री से पूछा कि गौठान एवं गौधन न्याय एक ही योजना है या फिर अलग-अलग। इसके जवाब में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहां दोनों योजना अलग-अलग है।
भाजपा सदस्य चंद्राकर ने इस पर पूरक प्रश्र करते हुए कहा कि कोराना काल में आबकारी विभाग में सेस लगाया गया था, उस राशि का उपयोग गोठान व गौधन न्याय योजना में किया गया, जबकि शराब पर सेस कोरोना के नाम पर लगाया गया था, लेकिन उस सेस की राशि का स्वास्थ्य व कोरोना संकट में उपयोग नहीं किया गया।
भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने पूरक सवाल उठाते हुए कहा कि गौठान की राशि को गोबर खरीदी में उपयोग किया जा रहा है, जबकि सेस की राशि को एक दूसरे मद पर खर्च नहीं किया जा सकता है। शिवरतन शर्मा ने कृषि मंत्री से सवाल पूछा कि क्या एक योजना की राशि को दूसरी योजना में खर्च कर सकते हैं। मंत्री श्री चौबे ने कहा कि जिस उद्देश्य के लिए राशि आई है उसी में खर्च किया जा रहा है। शिवरतन शर्मा अपना प्रश्रा बार-बार दोहराते रहे और मंत्री भी बार-बार वहीं उत्तर देते रहे। मंत्री ने यह भी बताया कि गौठान के लिए 155 करोड़ 92 लाख राशि प्राप्त हुई है। इस पर शिवरतन शर्मा ने कहा कि क्या अतिरिक्त शुल्क से बाहर जाकर खर्च करने का अधिकार है। लेकिन इसके बाद भी कृषि मंत्री बार-बार एक ही जवाब देते रहे, जिसके बाद भाजपा सदस्यों ने मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन किया।

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