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हवाई उड़ान के साथ विकास की ऊंची छलांग के लिए हम हैं तैयार

बिलासपुर। वर्ष 1994 में चकरभाठा एयरपोर्ट से आखिरी बार अर्चना एयरवेज कंपनी ने रायपुर से बिलासपुर, जबलपुर व भोपाल के लिए उड़ान भरा था। एक मार्च से एलायंस एयर विमानन कंपनी द्वारा बिलासपुर से जबलपुर, प्रयागराज व दिल्ली के लिए विमान सेवा प्रारंभ हो रही है।

वर्ष 1942 में चकरभाठा एयरपोर्ट का निर्माण रायल ब्रिटिश आर्मी के लिए किया गया था। इसका उपयोग सैन्य बलों के लिए हुआ करता था। संवेदनशील क्षेत्र घोषित होने के कारण लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध था। वर्ष 1952 के आते-आते सैन्य बलों की आवाजाही कम हो गई। इसके बाद एयरपोर्ट में वीरानी छा गई।

वर्ष 1988 में यहां से विमान सेवा प्रारंभ हुई। तब वायुदूत चला जो बिलासपुर से भोपाल होते हुए दिल्ली के लिए यात्री विमान चलाया था। वायुदूत महज दो साल चल पाया। यात्रियों का टोटा कहें या फिर विमान सेवा को लेकर उपेक्षा के कारण, वायुदूत ने विमान सेवा बंद कर दी। छह साल बाद एक बार फिर चकरभाठा एयरपोर्र्ट से वर्ष 1994 में अर्चना एयरवेज ने यात्री विमान चलाया। यह एक साल में ही बंद हो गया।

तब से लेकर आजतक एयरपोर्ट से यात्री विमान सेवा प्रारंभ ही नहीं हो पाई। 27 साल के लंबे अंतराल में चकरभाठा एयरपार्ट में बहुत कुछ बदल गया। अब एयरपोर्ट की तस्वीर ही बदल गई। नाम तो बदला एयरपोर्ट का उन्न्यन हो गया। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया ने बिलासा एयरपोर्ट को थ्री सी कैटेगरी का लाइसेंस जारी कर दिया है।

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