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विधानसभा में सुखा राशन की खरीदी और वितरण के मुद्दे पर हंगामा

विधानसभा

० भाजपा सदस्यों ने सोयाबीन बड़ी की खरीदी में भारी भ्रष्टाचार का लगाया आरोप
०- मंत्री ने कहा-पूरी प्रक्रिया का पालन कर खरीदी की गई है


रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के छठवें दिन सदन में भाजपा सदस्यों ने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मध्यान भोजन में सूखा राशन की खरीदी और वितरण का मामला ज़ोरशोर से उठाया। भाजपा सदस्यों ने सोयाबीन बड़ी की खरीदी में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते है इस मामले में सदन की समिति से जांच कराए जाने की मांग की। विभागीय मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आरोप से इंकार करते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया के तहत खरीदी गई है।
प्रश्नकाल में आज नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौसिक ने यह मामला उठाते हुए मंत्री से पूछा कि एन सी सी एफ केंद्रीय भंडार व एनएसीओएफ से जो सूखा राशन खरीदा गया वह बिना टेंडर के खरीदा गया है क्यो? इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में केंद्र के जारी गाईड लाईन के अनुसार ही खरीदी हुई है।
नेताप्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि 34 करोड़ की सोयाबीन बड़ी एक निजी संथान से सिर्फ एक व्यक्ति को लाफ़ पहुचाने के अधिक कीमत पर खरीदी गई है। उन्होंने कहा मंत्री ने जवाब में कहा है कि सोयाबीन प्रति किलो 105 रुपये में खरीदी गई है जबकि बाजार में सबसे उच्च क्वालिटी की सोयाबीन प्रति 60 रुपये किलो में उपलब्ध है। उन्होंने इस मामले में सदन की समिति से जांच कराए जाने की मांग आसंदी से की। भाजपा के अन्य सदस्यों ने भी इस मामले की जांच की मांग की।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ टेकाम ने कहा कि इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है । उन्होंने कहा कि सोयाबीन जिस दर पर हमने खरीदा है वो दर बाजार में मिलने वालों अन्य सोयाबीनो की तुलना में कम है।इसलिये कही कोई गड़बड़ी इसमे नही हुई है तो जांच का प्रश्न ही नही उठता।
मंत्री के उत्तर के बाद इस मामले में विपक्ष ने वॉक आउट की तैयारी कर ली थी, लेकिन इससे पहले कि वॉक आउट कर पाते, आसंदी से प्रश्नकाल समाप्त होने की घोषणा कर दी गई, साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने 12.30 बजे तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया।

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