छत्तीसगढ़राजनीति

सदन में कर्ज पर भाजपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे को घेरा

रायपुर: विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट पर मंगलवार से सामान्य चर्चा शुरू हुई। विपक्ष की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने सदन में चर्चा शुरू की। इसके बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों ने अपने भाषण के दौरान कर्ज को लेकर एक-दूसरे पर तीखा हमला किया।

भाजपा ने सरकार पर दैनिक खर्च और उपहार बांटने के लिए कर्ज लेने का आरोप लगाया। इस पर कांग्रेस की तरफ से पलटवार हुआ। सत्तारुढ़ पार्टी के विधायकों ने न केवल पूर्ववर्ती भाजपा सरकार बल्कि मौजूदा केंद्र सरकार के कर्ज के आंकड़े गिनाते हुए कहा कि आपकी सरकार में कर्ज लेकर घी पीने का काम होता था।

कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा 2003 में सत्ता में आई तब राज्य में 37 फीसद गरीबी थी। 15 साल तक भाजपा की सरकार कर्ज लेकर कंबल ओढ़कर घी पीती रही और प्रदेश में गरीबी 39.9 फीसद तक पहुंच गई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से हमारा 18,500 करोड़ रुपये नहीं मिला है। यह पैसे मिल जाते तो हमारी सरकार को कर्ज लेना नहीं पड़ता।उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे राज्य की वित्तीय स्थिति और प्रबंधन भाजपा शासित राज्यों से बेहतर है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने अब तक अपनी जीडीपी का केवल 20.5 फीसद कर्ज लिया है, जबकि उत्तर प्रदेश का यह आंकड़ा 30 और एमपी में 24 फीसद तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तो जीडीपी का 90 फीसद कर्ज ले लिया है। अब तो उन्हें कोई कर्ज देने तैयार नहीं है। 

यह केवल दुर्ग संभाग का बजट

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि यह स्थिति आ गई है कि राज्य सरकार को दैनिक खर्च, वेतन और उपहार बांटने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का पूंजीगत व्यय घट रहा है, इससे प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बजट गोपनीय होता है, लेकिन राज्यपाल के अभिभाषण में जो बातें मुख्यमंत्री ने कही वही सब बजट में है। बजट में पारदर्शिता का अभाव, पुरानी योजनाओं और घोषणाओं को फिर से शामिल करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क के लिए पिछले साल ही सरकार ने बजट प्रविधान किया था। इस बार बजट में शामिल करने से पहले सरकार को यह भी बताना था कि उस पर हाई कोर्ट का स्टे है। उन्होंने कहा कि नरवा, गरुवा, घुरुआ, बाड़ी योजना से लेकर गोधन योजना केंद्र सरकार के पैसे से चल रहा है। इसको भी सरकार को स्पष्ट करना चाहिए था। उन्होंने बजट को केवल दुर्ग संभाग का बजट बताते हुए कहा कि क्षेत्रीय संतुलन नहीं है, यह केवल राजनीतिक बजट है।

दो साल में 36 हजार करोड़ का कर्ज

भाजपा के नारायण चंदेल ने कहा कि इस बजट में कहने लायक कुछ भी नहीं है। दीया तो है, लेकिन तेल नहीं है वैसे ही योजनाओं का नाम तो है, लेकिन बजट नहीं है। सवा दो साल में सरकार 36 हजार करोड़ के कर्ज से लद गई है। भाजपा के सौरभ सिंह ने कहा कि राज्य को 60 फीसद पैसा केंद्र सरकार से आ रहा है, लेकिन राज्य सरकार अपना राजस्व बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार यहां सरकारी जमीन बेच रही है और केंद्र सरकार एलआइसी का आइपीओ ला रही है तो विरोध कर रहे हैं।

बजट में केवल शब्द है, धरातल पर खाली

भाजपा की रंजना साहू ने कहा कि बजट में केवल शब्द है। धरातल पर खाली है। इस सरकार ने कर्ज लेने का काम किया है वही बहुत बड़ा काम है। जीडीपी दर में कमी आई है। यह चिंता का विषय है। इस पर सरकार को विचार करना चाहिए। प्रति व्यक्ति आय में कमी आई है, क्योंकि इस सरकार के कार्यकाल में एक भी उद्योग नहीं लगा है।

पहले ससुर, दामाद और बेटे के लिए बनता था बजट

कांग्रेस के शैलेष पांडे ने कहा कि इस बजट में किसान और गांव के साथ अंतिम व्यक्ति तक का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के विकास का मतलब केवल भवन बनाना है, लेकिन हमारी सरकार आम लोगों की जेब में पैसा पहुंचा रही है। कांग्रेस के ही देवेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा के बजट की मूल भावना कमीशन होता था और बजट का आवंटन नहीं बंदरबांट होता था। पहले बजट ससुर, दामाद और बेटे के लिए बनता था। अब किसानांे के लिए बन रहा है।

समग्र विकास वाला बजट

कांग्रेस के संतराम नेताम ने सरकार की सराहना करते हुए कहा कि पहले बस्तर विकास प्राधिकरण के कामों में पक्षपात होता था। डीएमएफ का दुरुपयोग होता था, लेकिन हमारी सरकार बनने के बाद से ऐसा नहीं हो रहा है। जनप्रतिनिधियों की राय से काम हो रहा है। कांग्रेस की डा. लक्ष्मी धु्रव ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि इसमें राजकोषीय घाटा को नियंत्रित करने की कोशिश की गई है। इसमें मुख्यमंत्री के समग्र विकास की परिकल्पना नजर आ रही है। प्रकाश नायक ने तेलघानी बोर्ड समेत तीन बोर्ड के गठन के फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की आत्मा गांवों में बसती है। इस बजट में गांव और किसान को फायदा होगा। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों से गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा का अवसर मिलेगा। कांग्रेस की अनिता शर्मा ने बजट को किसान हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट में महिला और कन्याओं की सुरक्षा के लिए संवेदनशीलता दिखती है।

जकांछ विधायकों ने भी बजट को सराहा

जकांछ विधायक देवव्रत सिंह ने सरकार और बजट की सराहना करते हुए कहा कि ‘हाईट” से समग्र विकास की परिकल्पना साकार होगी। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश सरकार की ही उपलब्धि है कि कोरोनाकाल, केंद्र से जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि नहीं मिलने जैसे विपरीत परिस्थति में भी छत्तीसगढ़ समावेशी विकास के माडल के रूप में खड़ा है। यह मुख्यमंत्री के दृढ़ इच्छा शक्ति है। जकांछ के प्रमोद शर्मा ने भी बजट की सराहना की। वहीं, बसपा की इंदू बंजारे ने कहा कि सरकार प्रदेश में अच्छी शिक्षा का दावा कर रही है, लेकिन आज भी कई स्कूल भवनविहीन है तो कई के भवन जर्जर हो गए हैं। उन्होंने स्कूल भवनों को बनवाने की मांग की।

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