छत्तीसगढ़

केंद्र हमारा 18 हजार करोड़ रुपये दे दे तो जनघोषणा पत्र का हर वादा कर देंगे पूरा’

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार पर ज्यादा कर्ज लेने के आरोपों पर बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया। विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट पर सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कर्ज लेने की वजह स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारा 18 हजार करोड़ रुपये रोक रखा है। केंद्र सरकार यह राशि दे दे तो राज्य को कर्ज लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

जनघोषणा पत्र के वादे पूरे नहीं होने के विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि केंद्र हमारा पूरा पैसा दे दे तो हम अपना हर वादा पूरा कर देंगे। सदन में चर्चा के दौरान विपक्ष की तरफ से सदन में उठाए गए हर सवाल और आरोप का सीएम ने आंकड़ों के साथ चुन-चुन कर जवाब दिया।

सदन में प्रमुख विपक्षी भाजपा पर हमला करते हुए सीएम बघेल ने कहा कि 2003 में भाजपा जब सत्ता में आई तब खजाने में 400 करोड़ रुपये अतिरिक्त था। लेकिन आपने हमें 41 हजार करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में दिया है। इस कर्ज और उसके ब्याज को हम भर रहे हैं। पूर्व सीएम डा. रमन सिंह पर कटाक्ष करते हुए बघेल ने कहा कि आपने विज्ञापन और होर्डिंग पर जो करोड़ों रुपये कर्ज किया था, वह कर्ज भी हम भी भर रहे हैं।

प्रदेश सरकार के बजट को आम आदमी का बजट बताते हुए सीएम बघेल ने कहा कि हम एलीट (उच्च वर्ग) से कामनमेन (आम आदमी) ओरिएंटेड होकर डाउन टू अर्थ हुए हैं, इसमें हमें कोई दिक्कत नहीं है। प्रदेश में वित्तीय प्रबंधन खराब होने का जवाब देते हुए उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया कि आपकी केंद्र सरकार से हमारा वित्तीय प्रबंधन कई गुना बेहतर है। केंद्र सरकार हमारा पैसा नहीं दे पा रही है और हमें कर्ज लेने के लिए कह रही है और आप हमें नसीहत दे रहे हैं।

हाथ-पैर बांध कर कह रहे हैं दौड़ने को

मुख्यमंत्री ने सदन में आंकड़े पेश करते हुए कहा की जीएसटी लागू होने के बाद से राज्य के राजस्व में कमी आई हैै। उन्होंने कहा कि यदि जीएसटी नहीं होती तो हम वैट वसूल करते, हमें राजस्व प्राप्त होता। हम उत्पादक राज्य हैं। जीएसटी की वजह से हमें घाटा उठाना पड़ रहा है। जीएसटी का पूरा पैसा केंद्र सरकार ले रही और हमें हमारा हिस्सा भी नहीं दे रही है। यहां आप (विपक्ष) कर्ज लेने और वादे पूरे नहीं होने का आरोप लगा रहे हैं। हाथ-पैर बांधकर दौड़ने के लिए कह रहे हैं।

शराबबंदी पर बोले- सभी की सहमति से नीति बनाएंगे

शराबबंदी के वादे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार में शराब की खपत कम हुई है। उससे प्राप्त होने वाला राजस्व भी घटा है। सरकार शराबबंदी का अध्ययन कर रही है। कई राज्यों में शराबबंदी का फैसला वापस लेना पड़ा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हम सभी लोगों की सहमति से नीति बनाएंगे।

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