० राज्य में वनों के संरक्षण, संवर्धन तथा उसके विकास पर विशेष जोर
० वर्ष 2021-22 में वृक्षारोपण के लिए 496 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान
० छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता को छोड़कर समस्त लघु वनोंपजों के परिवहन को किया गया टी.पी. मुक्त
० देश के 73 प्रतिशत लघु वनोंपजों की खरीदी कर छत्तीसगढ़ ने रचा कीर्तिमान
० परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 में 880 करोड़ रूपए का राजस्व अर्जित
रायपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन, आवास एवं पर्यावरण, परिवहन तथा विधि-विधायी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर द्वारा आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अपने विभागों से संबंधित 2 हजार 915 करोड़ 53 लाख रूपए की प्रस्तुत अनुदान मांगे ध्वनि मत से पारित की गई। इनमें न्याय प्रशासन एवं निर्वाचन के लिए 488 करोड़ 45 लाख रूपए, परिवहन विभाग के लिए 96 करोड़ 3 लाख रूपए, आवास एवं पर्यावरण विभाग के लिए 546 करोड़ रूपए 54 लाख रूपए और वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लिए 1 हजार 784 करोड़ 51 लाख रूपए की राशि शामिल है।
वन्य एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री अकबर द्वारा प्रस्तुत अनुदान मांगों में राज्य में वनों के संरक्षण, संवर्धन तथा उसके विकास पर विशेष जोर दिया गया है। साथ ही इसमें स्थानीय वनवासियों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके आय के साधन में वृद्धि के लिए पूरा-पूरा ध्यान रखा गया है। इसके तहत वर्ष 2021-22 के बजट में वृक्षारोपण की विभिन्न योजनाओं के लिए 495 करोड़ 94 लाख रूपए का प्रावधान रखा गया है। वृक्षारोपण की इन समस्त योजनाओं में अधिक से अधिक फलदार पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है, जिससे स्थानीय जनसमुदाय को वनोपज आधारित जीविकोपार्जन के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध हो सके।
इसी तरह नदियों में सतत् जल प्रवाह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वर्ष 2021-22 में नदी तट वृक्षारोपण के लिए 7 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों के सामाजिक सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए राज्य सरकार द्वारा शहीद महेन्द्र कर्मा सामाजिक सुरक्षा योजना लागू की गई है। इसमें तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया की सामान्य मृत्यु पर दो लाख रूपए तथा दुर्घटना मृत्यु पर 4 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके लिए वर्ष 2021-22 में 13 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता को छोड़कर समस्त लघु वनोपजों के परिवहन को अभिवहन अनुज्ञा पत्र (ट्रांजिट पास) की अनिवार्यता से मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। सरकार द्वारा नई औद्योगिक नीति में लघु वनोपजों के प्रसंस्करण इकाईयों को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है। साथ ही लघु वनोपज से निर्मित उत्पादों को विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा सीधे निर्धारित मूल्य पर क्रय किए जाने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश में वर्ष 2018-19 में तत्कालीन सरकार द्वारा मात्र 07 वनोपजों का भारत सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर क्रय किया जाता था। राज्य सरकार द्वारा इसे बढ़ाकर वर्तमान में 52 लघु वनोपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की गई है। इसके परिणाम स्वरूप कोविड काल में भी छत्तीसगढ़ राज्य ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूरे देश का 73 प्रतिशत लघु वनोपज खरीदी कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है।
छत्तीसगढ़ में अब तक वन क्षेत्रों में एक लाख 78 हजार हितग्राहियों को एक लाख 50 हजार हेक्टेयर में वन अधिकार मान्यता प्रदान की गई है। 21 हजार प्रकरणों में 8 लाख 16 हजार हेक्टेयर सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया गया है साथ ही 3 हजार 529 ग्रामों में 8 लाख 98 हजार हेक्टेयर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार दिए गए हैं, जो कि देश में एक कीर्तिमान है।
इसी तरह परिवहन विभाग के अंतर्गत ओव्हर लोडिंग तथा अवैध परिवहन के रोकथाम और सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण तथा सुगम यातायात व्यवस्था आदि के लिए आवश्यक प्रावधान रखा गया है। गौरतलब है कि परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 में 880 करोड़ रूपए की राशि का राजस्व अर्जित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा नवा रायपुर अटल नगर को लोगों की उम्मीदों के अनुरूप तेजी से विकास के लिए पर्याप्त प्रावधान रखा गया है। राज्य सरकार पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार के लिए उच्च तकनीक और बेहतर प्रबंधन को विकसित करने तथा क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में चिमनी उत्सर्जन पर 24ग7 निगरानी रखने 17 प्रकार के वायु प्रदूषणकारी प्रकृति के 168 उद्योगों में ऑनलाइन इमीशन मानिटरिंग सिस्टम की स्थापना कराई गई है। राज्य में वर्ष 2021-22 में 50 न्यायिक अधिकारियों के पदों के सृजन के लिए 20 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। इसी तरह वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के लिए 5 करोड़ रूपए और राज्य अधिवक्ता अकादमी की स्थापना के लिए 10 लाख रूपए का बजट प्रावधान किया गया है।