नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें थमने का नाम ही नहीं ले रही है। एक तरफ जहां G-23 नेताओं का गुट पार्टी आलाकमान से नाराज चल रहा है वहीं दूसरी तरफ पार्टी के दिग्गज नेता पीसी चाको (PC Chacko) ने कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
बता दें, पीसी चाको से बात करते हुए कहा है कि, ‘मैंने कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। मैंने अपना इस्तीफा अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है।’
बता दें, चाको कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं में एक थे। पीसी चाको AICC के जनरल सेक्रेटरी के पद पर थे। साथ ही वो केरल के थ्रेसर से सांसद भी रह चुके हैं।
मीडिया से बात करते हुए, पीसी चाको ने आरोप लगाया कि कांग्रेस द्वारा जिताऊ उम्मीदवारों के आधार पर प्रत्याशियों का चयन नहीं किया गया था और दावा किया कि उम्मीदवारों के चयन में केवल एक या दो व्यक्ति ( रमेश चेन्निथला और ओमन चांडी) शामिल थे। पूर्व कांग्रेस सांसद ने आगे दावा किया कि पार्टी राज्य (A & I) दो गुटों में विभाजित हो गई थी और उन्होंने पार्टी के आलाकमान से उन लोगों की रक्षा करने के लिए कहा था जो किसी भी समूह के नहीं थे। पीसी चाको ने खुलासा किया कि कांग्रेस का आलाकमान केवल अन्य योग्य उम्मीदवारों की अनदेखी करते हुए दो समूहों द्वारा प्रस्तुत सूची में उम्मीदवारों के नामों को स्वीकार कर रहा था।
कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर निशाना साधते हुए, पीसी चाको ने कहा कि पार्टी खुद के लिए एक अध्यक्ष नहीं खोज पा रही थी और वर्तमान परिस्थितियों में पार्टी के प्रति वफादार रहना उसके लिए असंभव था। इसके अलावा, पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस देश में लोकतंत्र को बनाए नहीं रख सकती है और किसी ने पार्टी के आलाकमान या राहुल गांधी से कोई सवाल नहीं किया। चाको ने दावा किया कि केरल के लोग कांग्रेस को वापस सत्ता में देखना चाहते हैं, लेकिन कहा कि पार्टी के भीतर गुटों के कारण ऐसा असंभव है।
केरल विधानसभा चुनाव
2016 के केरल विधानसभा चुनाव में, माकपा नीत वाम मोर्चा ने 91 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके विपरीत, UDF के उम्मीदवार केवल 47 निर्वाचन क्षेत्रों से जीत सके थे। दूसरी ओर, नेमोम निर्वाचन क्षेत्र से केवल राजगोपाल की जीत के साथ भाजपा प्रभाव बनाने में विफल रही थी। इसके बाद, माकपा नेता पिनराई विजयन ने 25 मई, 2016 को केरल के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
इससे पहले जम्मू में G-23 नेताओं की बैठक हुई थी। जिसमें तमाम बड़े नेताओं ने पार्टी को मजबूत करने की बात कही थी। वहीं हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बयान दिया है कि राहुल ने कहा था कि, ‘अगर सिंधिया कांग्रेस में होते तो वो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन सकते थे।’ जिसका सिंधिया ने जवाब देते हुए कहा है कि, ‘जब मैं कांग्रेस में था तब तो उन्हें मेरी चिंता नहीं थी।’