छत्तीसगढ़

हीरा खदान में सेंधमारी, बेधड़क चल रही है हीरा तस्करी – जेसीसी

० दुनिया के एक मात्र हीरा के खदानों में सुरक्षा का अभाव, बड़े पैमाने में हीरे की चोरी
० 477 हीरा के नग के साथ पकड़ाए हीरा तस्कर, हीरा के खदानों के सुरक्षा पर फिर से उठा सवाल
० राज्य गठन के 20 साल भी हीरा उत्खनन नहीं हो पाना दुर्भाग्यजनक
० न्यालालय में लंबित मामला के लिए सरकार उठाए ठोस कदम, फ ़ास्ट ट्रायल के साथ हो त्वरित न्याय
० हीरा खदानें मुक्त हो, उत्खनन की वैधानिक प्रक्रिया शुरू हो

रायपुर। जनता काँग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश प्रवक्ता भगवानू नायक ने देवभोग, छत्तीसगढ़ स्थित दुनिया का एक मात्र हीरा खदानों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा गरियाबंद जिले के अंतर्गत देवभोग में हीरे की बड़ी खदाने हैं जिसके उचित सुरक्षा के अभाव के कारण बड़े पैमाने में हीरे की चोरी और तस्करी हो रही है।
भगवानू नायक ने कहा पायलीखंड खदान क्षेत्र से हीरा चोरी का ताजा मामला सामने आया है। पुलिस के अनुसार दो तस्करों के पास से 477 नग हीरा बरामद किया गया है, जिसकी कीमत 27.51 लाख रुपए आंकी गई है, जब्त हीरा में से एक हीरा 31 कैरेट वजनी है, जिसकी कीमत 20 लाख रुपए है कुल मिलाकर करोड़ो का हीरा पुलिस ने जब्त किया है, जिसके लिए पुलिस बधाई के पात्र हैं।
ज्ञात हो कि इसके पहले भी हीरा तस्करी के जो मामले सामने आए और पुलिस ने कार्यवाही की वह निम्नानुसार है :-
01. मई 2018 – 11 नग हीरा के साथ 2 तस्कर पकड़ाए।
02. अगस्त 2018 -23 नग हीरा और 1 एलेक्जेंड्राइड के साथ 2 तस्कर पकड़ाया
03. सितंबर 2020 – 18 नग हीरा के साथ 1 तस्कर पकड़ाया।
04. जनवरी 2021 – 400 नग हीरा के साथ 1 तस्कर पकड़ाया।
05. 10 मार्च 2021 – 477 नग हीरा के साथ 2 तस्कर पकड़ाया।
इस प्रकार देवभोग क्षेत्र के हीरा खदान से चोरी हीरे को तस्कर ओडिशा, छत्तीसगढ़ सहित अन्य व्यापारियों को बेचते है औऱ करोड़ो की कमाई करते है।
भगवानू नायक ने कहा नवीन राज्य छत्तीसगढ़ के गठित होने के 20 सालों बाद भी अधिकृत रूप से हीरे का उत्खनन शुरू नहीं हो पाना दुर्भाग्यजनक है। बहुराष्ट्रीय और देशी कंपनियों के बीच हीरा उत्खनन का विवाद मामला न्यालालय में विचाराधीन होने से राज्य सरकारें ना तो विवाद सुलझा पाई, ना हीरा उत्खनन की वैधानिक प्रक्रिया शुरू हो पाई और ना ही हीरे की खदानों की उचित सुरक्षा हो पा रही है जिसका फायदा हीरा तस्कर उठा रहे हैं। ऐसे में सरकार को विशेष रुचि लेकर सभी क़ानूनी अटकलें दूर करते हुए देवभोग हीरा खदान को शुरू कराना चाहिए।
भगवानू नायक ने कहा राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी का सपना था कि छत्तीसगढ़ कर्ज मुक्त और कर मुक्त हो उनके सोच के अनुसार न्ययालय में लम्बित हीरा उत्खनन के मामले में फ़ास्ट ट्रॉयल के साथ दैनंदिन सुनवाई किया जाकर हीरा खदान को मुक्त होने के पश्चात हीरे से होने वाली आय से कर मुक्त छत्तीसगढ़ की स्थापना की जा सकती है।

Patrika Look

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *